तोर जाति कहिआ ले जाई
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गइले
मानुसता के खाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
करम
नीच कइले
पर
बड़का कहइले
बरन
जाति धरम बनाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
भरम
फइलइले
बड़ा
भोग कइले
पुरखा
तोर कटलैं मलाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
कइले
गद्दारी
खइले
हिस्सेदारी
गरदन
अंगूठा कटाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
हत्या
करवले
उतसव
मनवले
दिहले
दानव राक्षस बनाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
पोथी
रचवले
बिधान
बनवले
गइले
सब अधिकार खाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई
झूठ-मूठ
बोलले
बड़ा
खेल खेलले
अब
तोर कलई खोलाई
तोर
जाति कहिआ ले जाई।
--©राम बचन यादव
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