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जरे
न पावे अरमनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
देसवा
के हाल देखि जियरा डेराला
नफरत
के बयार बहे मन अकुलाला
बेरहम
भयल बा ससनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
चोर
अ डकुअवन के आइल बहरिया
पूंजीपतिअन
से लुटाइल नगरिया
रोवेला
देस के किसनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
ठगवन-लुटेरवन
के करजा मेटाइल
हमनीं
के निवाला पे लगान लगाइल
गरीब
इहां भयल बेइमनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख अ ईसाई हो
मिलि-जुलि
रहा हमरे हिंद के भाई हो
साझी
बिरासत बा सपनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
जात-पात, ऊंच-नीच के भेदवा मिटावा
हउवा
मानुस मन में मानवता जगावा
नेह
हउवे गले के गहनवां हो भाई
बिसुरे
वतनवां।
--©राम बचन यादव
12/08/2022
खूबसूरत
ReplyDeleteशुक्रिया
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