Tuesday, September 20, 2022

बिसुरे वतनवां

 

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जरे न पावे अरमनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

देसवा के हाल देखि जियरा डेराला

नफरत के बयार बहे मन अकुलाला

बेरहम भयल बा ससनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

चोर अ डकुअवन के आइल बहरिया

पूंजीपतिअन से लुटाइल नगरिया

रोवेला देस के किसनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

ठगवन-लुटेरवन के करजा मेटाइल

हमनीं के निवाला पे लगान लगाइल

गरीब इहां भयल बेइमनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख अ ईसाई हो

मिलि-जुलि रहा हमरे हिंद के भाई हो

साझी बिरासत बा सपनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

जात-पात, ऊंच-नीच के भेदवा मिटावा

हउवा मानुस मन में मानवता जगावा

नेह हउवे गले के गहनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

    --©राम बचन यादव

           12/08/2022

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