Friday, September 30, 2022

हिंदी भाषा की संरचना (Hindi language structure)

 

प्रत्येक भाषा का मूल तत्व उस भाषा की ध्वनियाँ होती हैं। ध्वनियों के प्रयोग से ही किसी भी भाषा को बोलने वाला अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है, ध्वनियों से ही किसी भी भाषा की संरचना के भाषिक इकाइयों का निर्माण होता है। हिंदी भाषा में ध्वनि से शब्द/पद, शब्द से पबदंध, पदबंध से उपवाक्य, उपवाक्य से वाक्य का निर्माण होता है। हिंदी भाषा की संरचना के विषयवस्तु को समझने के लिए नीचे दिए निम्न बिन्दुओं का अध्ययन करना पड़ेगा -  

हिंदी भाषा की ध्वनि संरचना (Sound structure of hindi language)

  • हिंदी ध्वनियाँ और उनका वर्गीकरण
  • हिंदी की स्वनिम व्यवस्था
  • हिंदी के अधिखंडात्मक अभिलक्षण
  • हिंदी की अक्षर संरचना
हिंदी भाषा की शब्द संरचना (Word structure of hindi language)

  • हिंदी शब्द रचना –प्रत्यययोजन
  • हिंदी समास-संरचना और प्रकार
  • हिंदी स्त्रीलिंग शब्द संरचना
  • हिंदी क्रिया- व्युत्पन्न अकर्मक, सकर्मक और प्रेरणार्थक

हिंदी भाषा की रूप संरचना (Form Structure of Hindi Language)

  • हिंदी संज्ञा कारकीय एवं बहुबचनरूप
  • हिंदी सर्वनाम रूप संरचना
  • हिंदी विशेषण रूप रचना
  • हिंदी क्रिया : लिंग, वचन, पुरुष, अन्विति

हिंदी भाषा की वाक्य संरचना (Sentence structure of hindi language)

  • हिंदी पदबंध संरचना और प्रकार
  • हिंदी उपवाक्य  संरचना और प्रकार
  • हिंदी वाक्य संरचना और प्रकार
  • हिंदी वाक्य अभिराचानाएं


Friday, September 23, 2022

तोर जाति कहिआ ले जाई (Tor jati kahiya le jai)

 

तोर जाति कहिआ ले जाई

_________________________ 

गइले मानुसता के खाई

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

करम नीच कइले

पर बड़का कहइले

बरन जाति धरम बनाई

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

भरम फइलइले

बड़ा भोग कइले

पुरखा तोर कटलैं मलाई

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

कइले गद्दारी 

खइले हिस्सेदारी

गरदन अंगूठा कटाई 

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

हत्या करवले

उतसव मनवले

दिहले दानव राक्षस बनाई

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

पोथी रचवले

बिधान बनवले

गइले सब अधिकार खाई

तोर जाति कहिआ ले जाई

 

झूठ-मूठ बोलले

बड़ा खेल खेलले

अब तोर कलई खोलाई

तोर जाति कहिआ ले जाई।

 

        --©राम बचन यादव

Tuesday, September 20, 2022

बिसुरे वतनवां

 

_________________

जरे न पावे अरमनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

देसवा के हाल देखि जियरा डेराला

नफरत के बयार बहे मन अकुलाला

बेरहम भयल बा ससनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

चोर अ डकुअवन के आइल बहरिया

पूंजीपतिअन से लुटाइल नगरिया

रोवेला देस के किसनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

ठगवन-लुटेरवन के करजा मेटाइल

हमनीं के निवाला पे लगान लगाइल

गरीब इहां भयल बेइमनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख अ ईसाई हो

मिलि-जुलि रहा हमरे हिंद के भाई हो

साझी बिरासत बा सपनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

जात-पात, ऊंच-नीच के भेदवा मिटावा

हउवा मानुस मन में मानवता जगावा

नेह हउवे गले के गहनवां हो भाई

बिसुरे वतनवां।

 

    --©राम बचन यादव

           12/08/2022

Monday, September 19, 2022

क्रियाविशेषण के रूप में कार्य करने वाले विशेषण (Study of Adverb and Adjective)

 

क्रियाविशेषण के रूप में कार्य करने वाले विशेषणों का अध्ययन

1.     सारांश : मेरा शोध पत्र विशेषण और क्रियाविशेषण के बीच के संबंध के ऊपर आधारित है हिंदी भाषा में शब्दों को आठ शब्दवर्गों में बांटा गया है जो निम्न हैं; संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक ऐसे देखा जाए तो विशेषण और क्रियाविशेषण दो अलग-अलग शब्द-वर्ग हैं; विशेषण वे होते हैं, जो संज्ञा या सर्वनाम से पहले आते हैं और क्रियाविशेषण वे होते हैं, जो क्रिया से पहले आते हैं इस शोध पत्र में उन विशेषणों और क्रियाविशेषणों की बात की गई है जिन्हें देखा जाए तो कहीं-कहीं एक ही शब्द विशेषण और कहीं-कहीं क्रियाविशेषण के रूप में आता है। जैसे-

    शब्द

             विशेषण

             क्रियाविशेषण

अच्छा

मोहन अच्छा लड़का है

       वह लड़का अच्छा गाता है

मुख्यतः विशेषण के चार प्रकार किए गए हैं उनमें से देखा जाए तो बाकी तीन प्रकारों की अपेक्षा, गुणवाचक विशेषण अधिकतम मात्रा में क्रियाविशेषण के रूप में प्रयोग में मिलते हैं ऊपर दिया गया अच्छा शब्द गुणवाचक विशेषण के अंतर्गत आता है और क्रियाविशेषण में परिणामवाचक के अंतर्गत आता है। यह शोध विषय सारांश से होते हुए बीज शब्द, भूमिका, विश्लेषित उदाहरण, निष्कर्ष से होते हुए संदर्भ ग्रंथ सूची तक वर्णित है।

          बीज शब्द : विशेषण, क्रियाविशेषण, संज्ञा, सर्वनाम

2.     भूमिका : विशेषण वे शब्द हैं जो संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हैं और क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं किंतु कुछ विशेषण, क्रियाविशेषण के रूप में भी कार्य करते हैंकुछ विशेष परिस्थितियों में एक ही शब्द विशेषण और क्रियाविशेषण दोनों रूपों में प्रयोग होते हैं; जैसे- उदाहरण (क)  ‘ज्यादा आदमी वहाँ घूम रहे थे’, इस वाक्य में ‘ज्यादा’ ‘आदमी’ के आगे आया है और वह आदमी की विशेषता बता रहा है। इस वाक्य में ‘आदमी’ ‘संज्ञा’ है, इसलिए यहाँ पर ‘ज्यादा’ ‘विशेषण’ का कार्य कर रह रहा है। उदाहरण (ख) ‘आजकल तुम ज्यादा बोल रहे हो’, इस वाक्य में ‘ज्यादा’ ‘बोलना’ क्रिया से पहले आया हुआ है और वह क्रिया की विशेषता प्रकट कर रहा है, इस वाक्य में ‘तुम’ ‘सर्वनाम’ है, जिसका ‘ज्यादा’ से कोई संबंध नहीं है। अतः यहाँ पर ‘ज्यादा’ क्रियाविशेषण का कार्य कर रहा है। इस प्रकार देखा जाए तो ‘ज्यादा’ शब्द विशेषण और क्रियाविशेषण दोनों रूपों में प्रयुक्त होता है। उदाहरण -

इसके कुछ अन्य उदाहरण इस प्रकार हैं

क्र.

    शब्द

             विशेषण

             क्रियाविशेषण

1.

अच्छा

मोहन अच्छा लड़का है

       वह लड़का अच्छा गाता है

2.

अच्छी

वह अच्छी लड़की है

        वह अच्छी लगती है

3.

बहुत

वहां बहुत लोग दिखाई दे रहे थे 

       श्याम बहुत बोलता है

4.

खुबसूरत

जमीन पर खुबसूरत कालीनें बिछी हुई हैं

हम बहुत खुबसूरत मालूम होते हैं

5.

ज्यादा

स्कूल में आज ज्यादा बच्चे नहीं थे

आजकल तुम ज्यादा बोल रहे हो

 

3.     विशेषण और क्रियाविशेषण का संक्षिप्त परिचय :

·       कुछ शब्द ऐसे हैं जिनके लगने से संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता या खूबी उभरकर सामने आ जाती है अर्थात संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बतलाने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैंजैसे- ज्यादा बच्चे, बहुत लोग आदि।

·       क्रियाविशेषण की बात की जाए तो क्रिया की विशेषता बताने वाले अव्यय को क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे- तेज, अधिक, धीरे, यहाँ, वहाँ आदि

3.1.          विशेषण के भेद :

                विशेषण के मुख्यतः चार भेद हैं तथा इनके कई उपभेद हैं -

Ø सार्वनामिक विशेषण – विशेषण रूप में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम को सार्वनामिक विशेषण कहते हैं; जैसे- ऐसा लड़का, जैसी करनी, वैसी भरनी, यह किताब, वह घर, कुछ लड़के, कोई आदमी

Ø गुणवाचक विशेषण – संज्ञा और सर्वनाम के गुण का बोध कराने वाला विशेषण गुणवाचक विशेषण कहलाता है; जैसे- लाल साड़ी, अच्छा आदमी, गरीब छात्र, मीठा आम

Ø परिमाणबोधक विशेषण – यह किसी पदार्थ की नाप या तौल का बोध कराता है इसके भी दो उपभेद हैं; निश्चित- पांच लीटर दूध, तीन मीटर कपड़ा एवं अनिश्चित- सब लोग, बहुत पैसे

 

परिमाणबोधक विशेषणइसके अंतर्गत संख्यावाचक और मात्रावाचक को रखा गया है

↘↘                                                      

          संख्यावाचक                                                मात्रावाचक                    

(यह संज्ञा अथवा सर्वनाम                                 (पांच लीटर, थोड़ा सा ,चार किलोमीटर)

की संख्या का बोध कराता है)                                                           

 

गणनावाचक- एक, दो, तीन      

क्रमवाचक- पहला, दूसरा, चौथा

आवृतिवाचक- तिगुना, चौगुना

समुदायवाचक- तीनों, चारों, पांचों

प्रत्येकबोधक- तीन-तीन, दो-दो, हर एक

प्रविशेषण : विशेषण अथवा क्रियाविशेषण की विशेषता बतलाने वाला शब्द प्रविशेषण कहलाता है, जैसे- राम अत्यधिक तेज छात्र है, सीता अति सुंदर लड़की है 

3.2.          अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद माने गए हैं -

Ø स्थानवाचक :

स्थितिवाचक – भीतर, बाहर, यहाँ, वहां आदि ।

दिशावाचक – इधर, उधर, दाएँ, बाएं आदि ।

Ø कालवाचक :

समयवाचक – आज, कल, अभी, तुरंत आदि ।

अवधिवाचक – आजकल, भर-दिन, नित्य आदि।

बारंबारतावाचक – हर बार, कई बार, प्रतिदिन आदि।

Ø परिमाणवाचक :

अधिकताबोधक – बहुत, खूब, अति आदि

न्यूनताबोधक – कुछ, लगभग, जरा, प्रायः आदि

पर्याप्तिबोधक काफी, ठीक आदि

तुलनाबोधक कम, अधिक आदि

श्रेणी बोधक बारी-बारी से, क्रमशः, तिल-तिल आदि

Ø रीतिवाचक : निश्चय, अनिश्चय, स्वीकार, कारण, निषेध आदि

                   अर्थों का बोधक- यथा-संभव, ऐसे, वैसे, अवश्य आदि

 

4.     विशेषण एवं क्रियाविशेषण के कार्य

4.1. विशेषण के कार्य-

Ø किसी वस्तु अथवा व्यक्ति की विशेषता बतलाना (राम स्वस्थ है) (सोना चमकदार है)

Ø हीनता बतलाना (मुर्ख नौकर मत रखो)

Ø अर्थ सिमित करना (दौड़ते लड़के)

Ø संख्या का बोध कराना (एक आम, पांच लड़के)

Ø मात्रा बतलाना (एक किलो आटा,पांच लीटर दूध)

4.2.          क्रियाविशेषण के कार्य

Ø यह क्रिया की विशेषता बतलाता है

Ø क्रिया के होने का ढंग बतलाता है।

Ø क्रिया के होने की निश्चितता तथा अनिश्चितता का बोध कराता है।

Ø क्रिया के घटित होने की स्थिति आदि दर्शाता है।

Ø क्रिया के होने में निषेध तथा स्वीकृति का बोध कराता है।

 

5. विशेषण के क्रियाविशेषणात्मक रूप में प्रयोग के कुछ अन्य उदहारण निम्न हैं-

क्र.

शब्द

विशेषण

क्रियाविशेषण

1.      

बेजोड़

वह अपने ढंग की बेजोड़ थी

वह बेजोड़ नाचता है

2.      

बढ़िया

बढ़िया आदमी हमेशा अच्छी बात करते हैं

वे लोग बहुत बढ़िया काटते हैं

3.      

अधिक

वह सबसे अधिक बलवान है

वह सबसे अधिक लिखा होगा

4.      

लाजवाब

वाह क्या लाजवाब छबि है

वास्तव में उनकी प्रस्तुति लाजवाब थी

5.      

कितना

 

तुम कितना मुर्ख हो

वह कितना पानी पीता है

तुम कितना बोलते हो

अरे वह कितना रो रही है

6.      

अधिक

 

वहाँ अधिक लोग पहुँच गए

 

   सबसे अधिक बोलता है

अधिक सोचने लगती है

7.      

सर्वाधिक

 

धोनी ने आज सर्वाधिक रन बनाया

सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है

8.      

पहले

 

पहले मैच में हार गए

वे लोग पहले पहुँच गया

9.      

भारी

भारी जल का कव्थनांक ज्यादा होता है

भारी पेड़ गिर गया

प्रतिशत वृद्धि बहुत भारी हुई है

ये बादल काफी भारी हो गए

10.  

तेज

 

तेज गेदबाज़

वह लड़का तेज है

वह तेज व्यक्ति है

 

वह तेज बोलता है

तुम हमेशा तेज बोलते हो

वह तेज दौड़ता है

11.  

अच्छा

 

अच्छा लड़का आज्ञाकारी होता है

राम अच्छा लड़का है

 

एक-दूसरे को अच्छा समझते है

ट्रेलर हो तो बहुत अच्छा रहता है

मुझे उसका गाना अच्छा लगता है

 

12.  

अलग-अलग

 

सभी लोग अलग-अलग राय दे रहे थे

   अब तीनों अलग-अलग चलते हैं

13.  

सुंदर

 

वह सुंदर लड़की है

सुंदर लड़की जा रही है

 

मीरा सुंदर गाती है

ऐसी सुंदर व्याख्या करते हैं

अशोका सुंदर नाचती है

14.  

बहुत

 

भूकंप में बहुत लोग मारे गए

वहाँ बहुत लोग मारे गए थे

उसने बहुत समझाया

वह बहुत बोलता है

15.  

कुछ

 

कुछ लड़कियां बहुत होशियार है

 

कुछ बोलो भी / फिर न कुछ कह बैठे

16.  

काफी

 

वहाँ काफी लोग खड़े थे

वह काफी बोल रहा है

17.  

फालतू

 

फालतू लोग हमेशा उल्टा बोलते हैं

वह बहुत ज्यादा फालतू बोलता है

18.  

प्यारा

 

रामू बहुत प्यारा है

अमित बहुत प्यारा लगता है

19.  

कम

 

बहुत कम लोग यह बात जानते हैं

वह बहुत कम बोलता है

20.  

ज्यादा

 

ज्यादा लोग चावल पसंद करते हैं

इस समय ज्यादा पढ़ रहे हो

21.  

अकेला

अकेला आदमी क्या-क्या करे

वह अकेला घूमता रहता है

22.  

ऐसा

 

हमने ऐसा शहर पहले नहीं देखा था

ऐसा करो कि काम खत्म हो जाए

23.  

और

 

और लड़कियां क्या कर रही है

 

लड़का और तेज दौड़ा

24.  

कोई

 

कोई आदमी आया

 

सभी में कोई पचास लोग थे

25.  

क्या

 

तुम्हें मुझसे क्या काम है

 

तुम क्या आओगे, हमें ही आना पड़ेगा

26.  

जैसा

 

जैसा काम वैसा दाम

 

तुमने जैसा चाहा वैसा हुआ

27.  

ठीक

 

तुमने ठीक उत्तर दिया

 

ठीक लिखो, ठीक पढो

28.  

थोड़ा

 

थोड़ा जल पिला दो

 

उसने थोड़ा समझा थोड़ा नहीं समझा

29.  

बुरा

वह बहुत बुरा आदमी है

 

यह सब कुछ मुझे बुरा लगता है

 

30.  

भला

 

वह भला आदमी है

 

यह सब कुछ मुझे भला लगता है

 

 

6.     निष्कर्ष : अतः निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि हिंदी भाषा में कुछ शब्द या कुछ विशेषण ऐसे हैं, जो क्रियाविशेषण का भी कार्य करते हैं उन शब्दों के एक समान रूप विशेषण और क्रियाविशेषण दोनों रूपों में प्रयुक्त मिलते हैं मैंने अपने शोध पत्र में ऐसे लगभग 30 शब्दों को समाहित किया है, जो विशेषण और क्रियाविशेषण दोनों का कार्य करते हैं इसी आधार पर इस विषय पर विस्तृत शोध किया जा सकता है यदि ऐसा होता है तो यह मेरे शोध पत्र की हिंदी भाषा के विकास योगदान में अहम भूमिका हो सकती है

 

 

 संदर्भ ग्रंथ :

Ø हिंदी शब्द-अर्थ-प्रयोग : डॉ हरदेव बाहरी; अभिव्यक्ति प्रकाशन, 2008; गोविंदपुर कालोनी, इलाहाबाद- 211004

Ø मानक हिंदी व्यकारण और रचना : डॉ हरिवंश तरुण : 2010, प्रकाशन संस्थान नयी दिल्ली-110002

Ø परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययन : महेश चन्द्र गर्ग : कल्पना प्रकाशन :1978

Ø हिंदी भाषा इतिहास और स्वरूप : डॉ राजमणि शर्मा; वाणी प्रकाशन, 2014; दरियागंज, नयी दिल्ली-110002

Ø हिंदी व्याकरण: गुरु, कामताप्रसाद ; संस्करण 2012, प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली 110002

Ø हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण: सिंह, सूरजभान ; संस्करण 2000, साहित्य सहकार प्रकाशन, दिल्ली-110032