वाक्यविज्ञान को अंग्रेजी
में Syntax कहा
जाता है। एक ऐसा विज्ञान जिसमें वाक्य का वैज्ञानिक अध्ययन व विश्लेषण किया जाता
है, उसे वाक्यविज्ञान कहा गया है। इसके अंतर्गत निम्न
बिन्दुओं का अध्ययन किया जाता है, जिनको नीचे दिया गया है -
वाक्यविज्ञान (Syntax) : स्वरूप
- वाक्यविज्ञान : परिभाषा एवं
स्वरूप
- वाक्यविज्ञान की विषयवस्तु
(पदबंध, उपवाक्य और
वाक्य)
पदबंध (phrase)
- पदबंध : परिभाषा एवं स्वरूप
- पदबंध के प्रकार (सरचना की
दृष्टि से )
- पदबंध के प्रकार (प्रकार्य की
दृष्टि से )
- वाक्य में पदबंध की सीमाओं का
निर्धारण
उपवाक्य (Clause)
- उपवाक्य : परिभाषा एवं स्वरूप
- उपवाक्य के प्रकार
- उपवाक्य और वाक्य में संबंध और
अंतर
वाक्य (Sentence)
- वाक्य : परिभाषा एवं स्वरूप
- वाक्य के आधारभूत घटक (उद्देश्य
और विधेय )
- वाक्यात्मक युक्तियाँ (आकांक्षा, योग्यता, सन्निधि )
- वाक्य के प्रकार (संरचना की
दृष्टि से )
- वाक्य के प्रकार (अर्थ की दृष्टि
से )
- पूर्ण वाक्य और अल्पांग वाक्य
- वाक्यार्थ विश्लेषण
(अन्विताभिधानवाद और अभिहितान्वयवाद)
वाक्य में
प्रकार्यात्मक संबंध (Fundamental
Relation in Sentence)
- कारक संबंध (Case Relation) (भारतीय
परिप्रेक्ष्य )
- कारक संबंध (Case Relation) (पाश्चात्य
परिप्रेक्ष्य )
- अन्य संबंध (Any Relation) (पूरक,
संबंधवाची )
वाक्य विश्लेषण (Sentence Analysis)
- रचनाप्रकार- अंतः केंद्रिक (Endocentric),
बाह्य केंद्रिक (Exocentric)
- वाक्य के घटकों में विन्यासक्रमी
और सहचारक्रमी संबंध (Syntagmatic &
Paradigmatic Relation)
- सन्निहित घटक विश्लेषण (IC Analysis)
- वृक्ष आरक्ष (Tree Daigram)
संदर्भ
ग्रंथ सूची :
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- कामता प्रसाद गुरू (2012) : हिंदी व्याकरण
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- सिंह, सूरजभान .( 2000) : हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण
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- त्रिपाठी, राम छबीला.(2014). हिंदी व्याकरण रचना : इलाहाबाद . किताब महल
- बासुदेव नंदन प्रसाद (1993) : आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना. नई दिल्ली : भारती भवन
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