कोड (Code)
मनुष्य अपने विचारों को भावों में
व्यक्त करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। हर स्थिति तथा घटना को भाषा में व्यक्त किया जा सकता है। बदलती स्थितियों और संदर्भों के अनुसार भाषा की शैलियाँ
अर्थात कहने का ढंग भी बदलता है।
इसी प्रकार वक्ता और श्रोता के अनुसार भी भाषा व्यवहार में परिवर्तन दिखलाई पड़ता
है क्योंकि हर स्थिति में हर व्यक्ति एक सा भाषा व्यवहार नहीं करता सामाजिक
स्तर,शिक्षा और संस्कार के अनुसार व्यक्ति का भाषा व्यवहार बदलता है । जैसे- किसी
नेता के चुनाव में जीतने की स्थिति को हिंदी में अनेक प्रकार से कहा जा सकता है –
1)
नेता जी चुनाव जीत गए ।
2)
नेता जी विजयी हुए ।
3)
नेता जी ने मैदान मार लिया ।
4)
नेता जी ने अपने प्रतिद्वंदी को हरा दिया ।
अतः
भाषा व्यवहार स्थिति, संदर्भ और व्यक्ति पर निर्भर करता है । इस प्रकार स्थिति विशेष
में किये जा सकने वाले अनेक भाषिक विकल्पों में से व्यक्ति विशेष द्वारा चुना गया
प्रयोग ‘कोड’ कहलाता है।
कोड-मिश्रण (Code-Mixing)
प्रत्येक
राष्ट्र में एक राष्ट्रभाषा होती है, जो पुरे राष्ट्र के पूरे भू-भाग में स्वीकृत
होती है । राष्ट्रभाषा के अलावा भी प्रत्येक राष्ट्र में अन्य कई भाषाएँ और
बोलियां वहां के लोगों द्वारा प्रयोग की जाती हैं। अपनी मातृभाषा के सांचे में
अन्य भाषाओँ की इकाइयाँ जैसे- संज्ञा, विशेषण, क्रिया आदि का सहज रूप में प्रयोग
होने लगता है। देखा जाता है कि हिंदी-भाषी, मराठी-भाषी या अन्य भाषा-भाषी अपनी
मातृभाषा में बोलते समय भी अंग्रेजी भाषा के शब्दों का प्रयोग बीच-बीच में करते
हैं। हिंदी भाषी मानक हिंदी बोलते-बोलते बोलियों का प्रयोग करते भी सुने जाते हैं ।
इस प्रकार जब एक भाषा के कोड में दूसरी भाषा की इकाइयों का प्रयोग होता है तो इस प्रक्रिया
को कोड मिश्रण कहा जाता है।
जैसे-
1. वह डेली(रोज) आता है । 2. अब तक
रिजल्ट नहीं आया ।
कोड-परिवर्तन (Code-Switching)
यह
एक भाषा के कोड से दूसरी भाषा के कोड में अंतरण की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया भी
व्यक्ति(वक्ता) , स्थिति और प्रयोग के उद्देश्य से नियंत्रण होती है, कभी-कभी दो
भाषाएँ जानने वाले व्यक्ति के दोनों भाषाओं में अभ्यास के कारण भी होता है ।
कभी-कभी वक्ता को ऐसा भी लगता है कि वह एक भाषा में अपनी बात ठीक से नहीं कह पा
रहा, तब दूसरी भाषा का सहारा लेता है । कोड परिवर्तन में भाषा का कोड ही बदल जाता
है। यह उपवाक्य स्तर पर होता है।
जैसे-
1. आइ एम गोइंग सो तुम भी चलोगे तो चलो ।
Code-mixing
code-mixing is the
embedding of various linguistic units such as affixes (bound morphemes), words
(unbound morphemes), phrases and clauses from a cooperative activity where the participants,
in order to in infer what is intended, must reconcile what they hear with what
they understand. defines code mixing or
a mixed code as “using two languages such that a third, new code emerges, in
which elements from the two languages are incorporated into a structurally
definable pattern” (p.125) In other words, the code mixing hypothesis states
that when two code switched languages constitute the appearance of a third code
it has structural characteristics special to that new code.
Code-switching
code-switching as “a
common term for alternative use of two or more language, varieties of a
language or even speech styles. “while Bokamba (1989) defines both concepts
thus: “Code-switching is the mixing of words, phrases and sentences from two
distinct grammatical (sub)systems across sentence boundaries within the same
speech event.
कोड-मिश्रण
और कोड-परिवर्तन और इनके बीच अंतर को हिंदी (Hindi) में विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दिए link को Copy करके Google में Paste
करके खोल सकते हैं और pdf को downlaod भी कर सकते हैं -
- https://drive.google.com/file/d/1R67ZnjLRJvqAdjN_9S_A2qy-dZunvaW8/view?usp=sharing
कोड-मिश्रण
और कोड-परिवर्तन और इसके बीच अंतर को अंग्रेजी (English) में विस्तार से पढ़ने के
लिए नीचे दिए link को Copy करके Google में Paste करके खोल सकते हैं और pdf को
downlaod भी कर सकते हैं -
- https://docs.google.com/document/d/1a1J9sSIOYyAHcVjLiA2fdYod5TLItGcd/edit?usp=sharing&ouid=101712793902832974133&rtpof=true&sd=true
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