Tuesday, July 26, 2022

वापस यात्रा (Return Travel)

                         


जो दुनिया में आया है, वो एक दिन वापस जाएगा,

संसार के इस शाश्वत सच को, कोई झुठला ना पाएगा ।


पैसा बहुत कमाया था, ऐशो आराम का जीवन था,

इस पैसे के दम पे बता, धर्म से क्यूँ मुँह फेरा था ।


हजारों रोज आते हैं, हजारों चले भी जाते हैं,

उँगलियों पे गिन लो उनको, जो नाम अमर कर जाते हैं ।


कोई जल्दी से हारा है, कोई लंबी रेस का घोड़ा है,

पर इस रिटर्न जर्नी में, हमने सब कुछ यहीं पे छोड़ा है ।


किसी की अंतिम यात्रा में, श्मशान घाट हो आये थे,

कभी ये आखिरी मंजिल होगी, ये ना सोच पाए थे ।


हर शोक सभा में जो बात बार-बार दोहराई थी,

बात वो इतनी सीधी सरल थी, क्यों समझ ना आई थी ।


पैसे की बात क्या करेंगे, शरीर ही यहाँ छोड़ जाना है,

जब वक्त आएगा जाने का, रिटर्न टिकट कटाना है ।



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