भोजपुरी हिंदी भाषा की
एक बोली है। भारत देश के उत्तर प्रदेश और बिहार के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों में
भी भोजपुरी बोली जाती है। इसका विस्तार उत्तर प्रदेश और बिहार से अन्य प्रदेशों में जाने
वाले लोगों से है। भोजपुरी भाषाई परिवार के स्तर पर एक आर्य भाषा है और यह मुख्य रूप
से पश्चिमी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बोली जाती है, तथा इसके साथ-साथ उत्तरी झारखंड के क्षेत्रों में भी बोली जाती है। भोजपुरी भाषा अपनी शब्दावली के लिए मुख्य रूप
से संस्कृत और हिंदी भाषा पर निर्भर है और इसके साथ-साथ यह उर्दू भाषा के कुछ
शब्दों को भी ग्रहण की है।
बिहारी बोलियों का
विस्तृत व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक अध्ययन डॉक्टर ग्रियर्सन ने ‘सेवेनग्रामर्स आफ दी
डायरेक्टस एंड सब डायरेक्ट्स ऑफ द बिहारी लैंग्वेज’ के रूप में उपस्थित किया। बिहारी बोलियों का यह
सर्वप्रथम विस्तृत अध्ययन है। ये सात व्याकरण सन 1883 ई०
से 1887 ई० तक प्रकाशित हुए जो बिहार के सभी प्रमुख बोलियों
तथा उपबोलियों का अध्ययन प्रस्तुत करते हैं।
इस भाषा को बोलने वाले
लोगों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है। जिसका कारण यह है कि
ब्रिटिश शासन के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाए गए मजदूर हैं। जिनके वंशज जहां
उनके पूर्वज गए थे वहीं बस गए। इनमें सूरीनाम, गुवाना, त्रिनिदाद, टोबेगो और
फिजी आदि देश प्रमुख हैं। बिहारी बोलियों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन सर्वप्रथम
एच.बीम्स पीपर ने प्रारंभ किया था। इन्होंने भोजपुरी के संबंध में सर्वप्रथम एक
निबंध ‘नोट्स ऑन दी भोजपुरी डायलेक्ट आफ हिंदी स्पोकन इन वेस्टर्न बिहार’ नामक
शीर्षक से लिखा था जो रॉयल एशियाटिक सोसाइटी लंदन की पत्रिका भाग-3 पृष्ठ-483
से 508 में सन 1868 ई०
में प्रकाशित हुआ।
भोजपुरी पूर्वी अथवा
मागधी परिवार की सबसे पश्चिमी बोली है। ग्रियर्सन ने पश्चिमी मागधी को बिहारी के नाम
से अभिहित किया है। बिहारी से ग्रियर्सन का उस एक भाषा से तात्पर्य है जिसकी मगही,
मैथिली तथा भोजपुरी 3 बोलियां हैं। भाषाविज्ञान की दृष्टि
से ग्रियर्सन का कथन सत्य है किंतु इन तीनों बोलियों में पारंपरिक अंतर भी है। मैथिली ‘अछ’ या ‘छ’
धातु का प्रयोग भोजपुरी तथा मगही में नहीं है। इसी प्रकार भोजपुरी
क्रियाओं के रूप में मैथिली तथा मगही क्रियाओं के रूप की जटिलता का सापेक्षित
दृष्टि से अभाव है।
‘भोजपुरी भाषा सर्वजन
सुलभ सुविधाजनक व्यापारिक भाषा है’ इसमें व्याकरण संबंधी जटिलताओं का नितांत अभाव
है।
ज्ञानवर्धक जानकारी
ReplyDeleteशुक्रिया
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