भाषा संबंधी सॉफ्टवेयर विकास प्रणाली
में सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि प्रोग्राम क्या होता है?इसके
बाद हमें यह जानना होगा कि प्रोग्रामिंग क्या है?
प्रोग्रामिंग एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं के माध्यम से
विभिन्न प्रकार के कार्यों को संपन्न किया जाता है इसे भी जानना होगा।
प्रोग्रामिंग
भाषाओं के कुछ प्रकार भी होते हैं, जैसे--
Ø Proceduralprogramminglanguage
Ø Functionalprogramminglanguage
Ø Object Orientedprogramminglanguage
प्रोग्रामिंग
भाषाएँ निम्न होती हैं-C#,Java, Pascal, Basic, C++
आदि।
फिर
सॉफ्टवेयर क्या है इसके कितने प्रकर होते हैं? यह भी जानना
होगा।
सॉफ्टवेयर
दो प्रकार के होते हैं- (1) सिस्टम सॉफ्टवेयर (2) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर
भाषा
संबंधी सॉफ्टवेयर विकास केमूल मेंNLP है। यह एक
प्रक्रिया है इस प्रक्रिया के द्वारा ही मानवीय भाषा को मशीन में स्थापित किया
जाता है।
आगे
इनसे संबंधित पहलुओं पर विस्तृत वर्णन किया जा रहा है।
प्रोग्राम (Program):-
किसी विशेष कार्य को संपन्न करने के
लिए चरणबद्ध तरीके से दिया गया निर्देश, जो उस कार्य का सही-सही आउटपुट
दे/प्रदर्शित करे, प्रोग्राम कहलाता है।
एक
दूसरी परिभाषा इस प्रकार है-
किसी
उद्देश्य विशेष को प्राप्त करने के लिए मशीन को क्रमबद्ध, चरणों में दिये गए
निर्देशों का समूह प्रोग्राम है।
इसके
मुख्यतः छः बिंदु विचारणीय हैं-
ü मशीन
ü उद्देश्य
विशेष
ü क्रमबद्ध
ü चरण
ü निर्देश
ü समूह
प्रोग्रामिंग (Programming):-
प्रोग्रामिंग एक प्रक्रिया है। इसके
द्वारा ही प्रोग्राम का निर्माण किया जाता है और इसके आधार पर ही कोई प्रणाली
कार्य करती है।
प्रोग्रामिंग
में विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग करके प्रोग्राम को निर्देश दिया जाता
है। जिनका आगे वर्णन किया जा रहा है –
प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language):-
प्रोग्रामिंग भाषा एक ऐसी भाषा है जिसके
माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश दिये जाते हैं और प्रोग्रामों का विकास किया जाता
है।
कुछ
प्रोग्रामिंग भाषाएँ निम्न हैं- C#, Pascal, Java, C, C++, Java script,
Basic,
FORTRAN.
प्रोग्रामिंग भाषा के प्रकार:-
Ø
ProceduralProgrammingLanguage:-
ऐसी
प्रोग्रामिंग भाषाएँ जिनमें चरणों कीश्रृंखला बनाते हुए प्रोग्राम निर्मित किए
जाते हैं, इसमें दो बिंदु मुख्य हैं-
ü चरणों
की श्रृंखला।
ü कथनों, आदेशों और प्रकार्यों का व्यवस्थित क्रम।
उदा.
C
language, C# language.
Ø
FunctionalProgrammingLanguage:-
ऐसी
प्रोग्रामिंग भाषाएँ जिनमें प्रक्रिया के बजाय प्रकार्य को केंद्र में रखा जाता है।
इसमें स्थिति में परिवर्तन पर ध्यान देने की जगह गणितीय प्रकार्यों पर विशेष ध्यान
दिया जाता है। इनका प्रयोग अधिकतर व्यावसायिक अनुप्रयोगों में किया जाता है।
Ø
ObjectOriented ProgrammingLanguage:-
यहवह
प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसमें object को केंद्र में रखा
जाता है।object वह इकाई है जिसमें कुछ properties होती है और जिस पर कुछ events किए जाते हैं। यह किसी
भी प्रकार का डाटा (Data), structure,प्रकार्य एवं method
आदि कुछ भी हो सकता है।
सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्रामों का संग्रह है जो कंप्यूटर को निर्देश प्रदान करता है कि प्रोग्राम को क्या कब और कैसे करना है?अर्थात सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता और कंप्यूटरके बीच इंटरफ़ेस का कार्य करता है। यह निर्देशों का एक सेट होता है। इसके द्वारा हमें वांक्षित आउटपुट मिलते हैं।
इसके दो प्रकार हैं-
सिस्टम सॉफ्टवेयर का संबंध सीधे कंप्यूटर से होता है। भाषा संबंधी प्रणाली विकास में एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आगे एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर पर चर्चा किया जा रहा है।
एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software):-
भाषा संबंधी सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर ही होते हैं जो उपयोगकर्ता को एकल या एकाधिक कार्य करने में मदद करता है। यह विशिष्ट उपयोगों या अनुप्रयोगों के लिए डिजाइन किए गए निर्देशों या कार्य-क्रमों का एक सेट होता है। इस सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ता प्रोग्राम भी कहा जाता है।
भाषा
संबंधी सॉफ्टवेयर विकास:-
भाषा संबंधी सॉफ्टवेयर विकास में प्राकृतिक भाषा संसाधन महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें प्रोग्राम, प्रोग्रामिंग व प्रोग्रामिंग भाषा के अलावा NLP को जानना भी महत्वपूर्ण है।
प्राकृतिक भाषा संसाधन (Natural Language proccesing):-
मानव भाषा को मशीन में इस प्रकार से स्थापित करना कि वह भाषा संबंधी कार्य आसानी से संपन्न कर सके, प्राकृतिक भाषा संसाधन कहलाता है। यह एक प्रक्रिया है इसमें प्राकृतिक भाषा का संसाधन होता है। इसे इस आरेख के माध्यम से समझा जा सकता है –
भाषा
संबंधी सॉफ्टवेयर मुख्यतः दो आधारों पर बनाए जाते हैं-
v नियम
आधारित
v डाटाबेस आधारित
नियम आधारित (Rule Based):-
नियम आधारित भाषा संबंधी
सॉफ्टवेयर नियमों के आधार पर कार्य करते हैं। जिस प्रकार के नियम प्रोग्राम को
दिये जाते हैं, वह सॉफ्टवेयर उसी कार्य को संपन्न करता है।
इसमें
सबसे पहले एक Formप्रारूप तैयार करते हैं फिर किसी प्रोग्रामिंग
भाषा के मधायम से प्रोग्राम को निर्देशित करते हैं। प्रोग्राम को जिस प्रकार का
निर्देश देते हैं, वह उस कार्य को संपन्न करता है। जैसे-
Form
के Show Buttonपर Click
करके निम्न प्रकार से प्रोग्राम को निर्देशित किया जाता है –
Iw-Input Word
Wf1- Word form1
Wf2- Word form2
Wf3- Word form3
Step1-iw=wf1
Step2-iw= iw.lengh-1
Wf2=iw+
“ ? ”;
Step3-iw= iw.lengh-1
Wf3=iw+ “ ? ”;
इस
प्रकार प्रोग्राम को निर्देश दिये जाने के बाद ‘Run’
Commond देने पर वह प्रोग्राम कार्य करने लगता है। ‘लड़का’ की तरह जितने भी शब्दों के रूप बनते हैं, उन शब्दों का इनपुट देने पर
आउटपुट के रूप में उनके रूप प्राप्त हो जाएँगे।
प्रारूप-
डेटाबेस आधारित (corpus Based):-
डेटाबेस
आधारित सोफ्टवेयरों में सबसे पहले डेटाबेस का निर्माण किया जाता है। फिर उस
डेटाबेस को प्रोग्राम से जोड़ दिया जाता है, उसके बाद प्रोग्राम को निर्देशित किया
जाता है। इसी के आधार पर प्रोग्राम कार्य करता है।
MS
Access में जाकर Database का निर्माण किया
जाता है। उसमें शब्दों के साथ विभिन्न सूचनाएँ दी जाती हैं। जैसे-
इस
प्रकार Database निर्माण में सूचनाएँ संबंधी सॉफ्टवेयर/टूल की आवश्यकतानुसार दी जाती हैं।
इस Database को प्रोग्राम/टूल से जोड़ा जाता है। उसके बाद
शब्दों का इनपुट देने पर प्रोग्राम डेटाबेस से मैच करके उससे संबंधित निम्न
सूचनाएँ प्रदर्शित करता है, जो डेटाबेस में दी गयी होती हैं।
जैसे:एक
प्रारूप-
संदर्भ ग्रंथ : धनजी प्रसाद- कार्पस भाषाविज्ञान
धनजी प्रसाद - सी. शार्प प्रोग्रामिंग एवं हिंदी के
भाषिक टूल्स
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