मिश्र वाक्य के अंतर्गत कहा गया है कि मिश्र वाक्य वह है, जिसमें एक प्रधान वाक्य होता है तथा एक या एकाधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं। आश्रित उपवाक्य अपनी प्रकृति में प्रधान वाक्य पर आश्रित होते हैं। अतः आंतरिक संरचना में पूर्ण वाक्य होते हुए भी मिश्र वाक्य के प्रसंग में वे उपवाक्य ही कहलाते हैं।
उपवाक्य : वाक्यों का ऐसा हिस्सा जिसका अपना खुद का अर्थ हो, जिसमें उद्देश्य और विधेय हों, वे उपवाक्य कहलाते हैं।
आश्रित उपवाक्य प्रकार्य की दृष्टि से तीन प्रकार के होते हैं -
(1) संज्ञा उपवाक्य : कर्म या पूरक रूप में प्रधान वाक्य की संज्ञा
का कार्य करने वाला वाक्य ' संज्ञा उपवाक्य ' कहलाता है। संरचना की दृष्टि से हिंदी में संज्ञा उपवाक्य के प्रयोग में
निम्न तीन चिन्हों का उपयोग किया जाता है- (कि, जो, शून्य)
- प्रधान वाक्य + संज्ञा उपवाक्य
(वह चाहता है + कि मैं लेख लिखूं।)
- प्रधान वाक्य + एकाधिक संज्ञा उपवाक्य
(उसे इस बात का भी ध्यान नहीं है + कि उसे
चोट लग गई है + (कि) खून निकल रहा है + (कि) मोच आ गई है।)
- संज्ञा उपवाक्य + प्रधान वाक्य
(धर्म एक है + यह सिद्धांत की बात है। )
- एकाधिक संज्ञा उपवाक्य + प्रधान उपवाक्य
(धर्म एक है + परमेश्वर एक है + यही शास्त्र
में लिखा है।)
(2) विशेषण उपवाक्य : प्रधान वाक्य में
प्रयुक्त संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित करने वाला या उसकी विशेषता बतलाने वाला
वाक्य विशेषण उपवाक्य कहलाता है। विशेषण उपवाक्य के प्रयोग में निम्न चिन्हों का
उपयोग किया जाता है- जो (जिस, जिन), कि, क्या।
- प्रधान वाक्य + विशेषण उपवाक्य
(मुझे वह व्यक्ति पसंद है + जो ईमानदार है।)
- प्रधान वाक्य + एकाधिक विशेषण उपवाक्य
(मुझे वह व्यक्ति पसंद है + जो मन का साफ है
+ (जो) ईमानदार है।)
- विशेषण वाक्य + प्रधान वाक्य
(जो विद्यार्थी कल आया था + वह विश्व
विद्यालय में पढ़ता है
- एकाधिक विशेषण उपवाक्य + प्रधान वाक्य
(जो विद्यार्थी कल आया था + (जो) देखने में
स्वस्थ्य था + वह विश्वविद्यालय में पढ़ता है।)
(3) क्रियाविशेषण उपवाक्य : प्रधान वाक्य में
प्रयुक्त क्रिया की विशेषता बताने वाला वाक्य ‘क्रियाविशेषण उपवाक्य’ कहलाता है
हिंदी में क्रिया विशेषण उपवाक्य के क्रम
संबंधी सिद्धांत निम्न रूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं-
- क्रिया विशेषण उपवाक्य + प्रधान वाक्य
(जिधर बच्चे खेल रहे हैं + उधर गहरा कुंवा है
- एकाधिक क्रिया विशेषण उपवाक्य + प्रधान वाक्य
(इधर कठिन भार से चाहे आँखों में अँधेरा छा जाए
+ चाहे पैर दुःख जाए + चाहे हिम्मत टूटने लगे + किंतु काम तो पूरा करना ही होगा
- प्रधान वाक्य + क्रिया विशेषण उपवाक्य
(उसने इच्छाओं को इसलिए दबा दिया + क्योंकि वह उन्हें पूरा नहीं कर सकता।)
- प्रधान वाक्य + एकाधिक क्रिया विशेषण उपवाक्य
(उसने इच्छाओं को इसलिए दबा दिया + क्योंकि भीख
मांग नहीं सकता + क्योंकि वह उन्हें पूरा नहीं कर सकता
- क्रिया वि. उपवाक्य + प्रधान वाक्य+ क्रिया वि. उपवाक्य + प्रधान वाक्य
(एक बार जब आँखें चुंधिया गई + तो लगा + जब तक इलाज न होगा + तब तक ठीक नहीं होगा।)
संदर्भ: डॉ भोलानाथ तिवारी- हिंदी भाषा की वाक्य संरचना
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