जीसस ने बचपन से बहुत आकर्षित किया
चरवाहे के घर पैदा हुआ
भेंडे चराता रहा
एक निर्दोष जीवन जिया।
महिला को सजा देने के लिए पत्थर मारने वाली भीड़ से कहा, पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप ना किया हो।
कितने साहस की बात ?
जीसस का जन्म का धर्म यहूदी था।
पुराना धर्म कहता था दांत के बदले दांत और आँख के बदले आँख ही धर्म है।
जीसस ने पहली बार कहा कि नहीं यह धर्म नहीं है,
बल्कि धर्म तो यह है कि कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे तो दूसरा गाल भी आगे कर दो,
और कोई तुमसे तुम्हारी कमीज़ मांगे तो तुम उसे अपना कोट भी दे दो,
जीसस ने कहा सूईं के छेद से ऊँट का निकलना संभव है लेकिन किसी अमीर का स्वर्ग में प्रवेश असम्भव है।
मंदिर/मस्जिद के परिसर में बैठकर गरीबों को ब्याज़ पर पैसा देने वाले साहूकारों पर जीसस कोड़े लेकर टूट पड़ा था,
और उन्हें मार-मारकर वहाँ से भगा दिया और उनकी मेजें उलट दी थी।
बाद में ईसा के नाम पर बनाए गये इसाई धर्म के चर्च के पादरियों और राजाओं ने मिलकर गरीब किसानों का वैसा ही शोषण किया जैसा भारत में पुरोहितों और राजाओं के गठजोड़ ने किया।
गैलीलियो को विज्ञान की बात कहने के अपराध में चर्च द्वारा उम्र कैद दे दी गई,
क्योंकि विज्ञान की सच्चाई का बाइबिल की बात से मेल नहीं खाता था,
ब्रूनो को भी सच कहने के कारण चर्च ने जिन्दा जला दिया,
इसाइयों ने कई सौ साल तक चलने वाले युद्ध लड़े ,
दुनिया को लूटने वाले और सारे संसार पर युद्ध थोपने वाले अमरीका और यूरोप के पूंजीवादी राष्ट्र खुद को जीसस का अनुयायी कहते हैं।
जबकि जीसस गरीब की तरह पैदा हुआ
गरीब की तरह जिया
गरीबों के लिए जिया
और गरीब की तरह मारा गया।
यही संस्थागत धर्म की त्रासदी है।
जीसस को दो चोरों के साथ अपना सलीब खुद अपने कन्धों पर ढोने के लिए मजबूर किया गया .......
काँटों की टहनी उसके सर के चारों तरफ पहना दी गई
अंत में जीसस को लकड़ी के सलीब पर कीलों से ठोक दिया गया....
जीसस मुझे एक धार्मिक नेता नहीं, अपना साथी लगता है ।
कामरेड जीसस को लाल सलाम।
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