Tuesday, December 13, 2022

5 रुपए की रोटी


एक व्यापारी था। जो 5_रुपए_की_रोटी बेचता था। उसे रोटी की कीमत बढ़ानी थी लेकिन बिना राजा की अनुमति कोई भी अपने दाम नहीं बढ़ा सकता था। लिहाज़ा राजा के पास व्यापारी पहुंचा, बोला राजा जी मुझे रोटी का दाम 10 करना है।


राजा बोला तुम 10 नहीं 30 रुपए करो।


व्यापारी बोला महाराज इससे तो हाहाकार मच जाएगा।

राजा बोला इसकी चिंता तुम मत करो, तुम 10 रुपए दाम कर दोगे तो मेरे राजा होने का क्या फायदा, तुम अपना फायदा देखो और 30 रुपए दाम कर दो।..........

अगले दिन व्यापारी ने रोटी का दाम बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया, शहर में हाहाकार मच गया, सभी राजा के पास पहुंचे, बोले महाराज यह व्यापारी अत्याचार कर रहा है, 5 की रोटी 30 में बेच रहा है।..........

राजा ने अपने सिपाहियों को बोला उस गुस्ताख व्यापारी को मेरे दरबार में पेश करो।.........

व्यापारी जैसे ही दरबार में पहुंचा, राजा ने गुस्से में कहा गुस्ताख तेरी यह मजाल तूने बिना मुझसे पूछे कैसे दाम बढ़ा दिया, यह जनता मेरी है तू इन्हें भूखा मारना चाहता है। राजा ने व्यापारी को आदेश दिया कि तुम रोटी कल से आधे दाम में बेचोगे, नहीं तो तुम्हारा सर कलम कर दिया जाएगा।.........

राजा का आदेश सुनते ही पूरी जनता जोर-जोर से जयकारा लगाने लगी... महाराज की जय हो, महाराज की जय हो, महाराज की जय हो।........

नतीजा ये हुआ कि अगले दिन से 5 की रोटी 15 में बिकने लगी।

जनता खुश... व्यापारी खुश... और राजा भी खुश।

नोट: भारत के ज़रूरत से ज़्यादा होशियार और अक्लमंद लोगों से गुज़ारिश है कि इस कहानी को यदि आपलोग समझने की समझ विकसित कर लें तो देशहित में बेहतर हो सकता है।


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