स्वर की परिभाषा (Definition of Vowel) :
परंपरागत व्याकरण के
अनुसार-
पतंजलि- “स्वतो
राजन्ते इति स्वराः” (जिन ध्वनियों का उच्चारण स्वतः होता है
स्वर कहलाते हैं) (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, आँ)
आधुनिक व्याकरण के अनुसार-
जिन ध्वनियों के उच्चारण में मुखविवर
में कहीं भी वायु का अवरोध न हो। (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ)
(नोट- आधुनिक
व्याकरण में ‘(ं)’ को अनुस्वार,
‘अः’ को विसर्ग एवं ‘(ँ)’
को अनुनासिक के अंतर्गत रखा गया है)
आधुनिक व्याकरण
के अनुसार 11 स्वर हैं। हिन्दी की सभी स्वर ध्वनियाँ आक्षरिक होती हैं।
पाणिनि- “एक मात्रो भवेद ह्रस्वो,
द्विमात्रो दीर्घ उच्येत। त्रिमात्रस्तु प्लूतो सेयो, व्यंजन चार्ध मात्रकम्।” मात्रा की दृष्टि से
पाणिनी ने स्वर के तीन प्रकार किए हैं- ह्रस्व, दीर्घ एवं प्लुत
Cambridge
dictionary's definition:
Ø A speech sound produced by humans when
the breathflows out through
the mouth without
being blocked by the teeth, tongue, or lips.
कुछ Image..........
व्यंजन की परिभाषा (Definition of
Consonant)
परंपरागत व्याकरण के
अनुसार-
पतंजलि- “स्वतो
राजन्ते इति स्वराः, अन्वग भवति व्यंजनमिति।” (जिन ध्वनियों का उच्चारण स्वतः नहीं होता है जो स्वर की सहायता से उच्चरित होते हैं, व्यंजन कहलाते हैं)
आधुनिक व्याकरण के
अनुसार-
जिन ध्वनियों के उच्चारण में मुखविवर में कहीं न कहीं
वायु का अवरोध हो, वे व्यंजन कहलाते हैं।
(नोट- आधुनिक
व्याकरण में क्ष, त्र, ज्ञ एवं श्र को ‘संयुक्त व्यंजन’ के अंतर्गत रखा गया है, जो इस प्रकार हैं- क्ष= क+ष, त्र= त+र, ज्ञ= ज+ञ, श्र= श+र, इसमें सभी
'हल' हैं) (दो नए
व्यंजनों ड़, ढ़ को शामिल किया गया है) (आधुनिक व्याकरण के
अनुसार 35 व्यंजन हैं)
Cambridge
dictionary's definition:
Ø One of the speech sounds or
letters of the alphabet that is not a vowel. Consonants are pronounced by
stopping the air from flowing easily through the mouth, especially by closing
the lips or touching the teeth with the tongue.
संदर्भ ग्रंथ:-
डॉ. अनिल कुमार पाण्डेय- हिंदी संरचना के विविध पक्ष
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