Wednesday, July 17, 2019

स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में अंतर


                                           
 स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में अंतर 
   (Phonetics   VS   Phonology)
स्वनविज्ञान  (Phonetics):-
1-    इसमें उच्चारण, संवहन एवं श्रवण के आधार पर अध्ययन होता है।
2-    यह भाषाविज्ञान की परिधीय शाखा है।
3-    इसका संबंध भौतिक ध्वनियों से है।
4-    स्वनों का उत्पादन भौतिक प्रक्रिया है।
5-    इनका किसी भाषा विशेष से संबंध नहीं होता है।
6-    स्वनों की संख्या असीमित होती है।            
स्वनिमविज्ञान  (Phonemics):- 
1-     इनका अध्ययन व्यतिरेकी वितरण के आधार पर किया जाता है।
2-     यह केन्द्रीय शाखा है।
3-     स्वनिमों का उत्पादन मांसिक प्रक्रिया है।
4-     यह शाखा विशेष आधारित होता है।
5-     इसका संबंध अमूर्त इकाइयों से है
6-  इनकी संख्या सीमित होती  है।
स्वन (Phone):-
      स्वान स्वनिम का वह मूर्त रूप है जिसके दवरा भाषा व्यवहार किया जाता है।
कोई भी भाषिक ध्वनि स्वन हैं। दुसरे शब्दों में स्वनिमों का उच्चरित रूप स्वन हैं, अर्थात जब स्वनिम उच्चरित होते हैं तो वही स्वन कहलाते हैं। स्वनों की संख्या असीमित होती है। स्वन भाषा की सबसे लघुत्तम इकाई है। जैसे- कमल, लक, लड़का, कुमारी इन शब्दों में जितने भी क, म, ल, र एवं ड़ हैं, वे सभी अलग-अलग स्वन हैं। 
स्वनिम (Phoneme):- 
                     भाषा की सबसे लघुत्तम अर्थभेदक इकाई स्वनिम है, स्वनिम अमूर्त होते हैं। इनकी संख्या किसी भी भाषा में सीमित होती है। स्वनिम भाषा की संकल्पनात्मक इकाई है। इसका संबंध मानव मष्तिस्क से होता है। स्वनिमों को दो स्लैश ‘/  /’ के बीच प्रदर्शित किया जाता है।
जैसे- मन्नू ने महेश को मोर्टार से मारा।
         म1     म2       म3       म4    =  स्वन
                 /म/ स्वनिम
संस्वन (Allophone):-
      किसी स्वनिम का वह ध्वन्यात्मक विभेद जो मूल स्वनिम का ही प्रकार्य करता है या किसी शब्द में एक की जगह दूसरा आने पर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन नहीं होता है। तो उसे संस्वन कहते हैं। जैसे- न और ण आपस में संस्वन हैं।
जैसे- डंडा-डण्डा, पांडेय-पाण्डेय आदि।
      क-क़, ख-ख़, ग-ग़ आदि।

Monday, July 15, 2019

हिंदी में अन्विति




हिंदी में अन्विति

अन्विति की परिभाषा- वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा पद के लिंग, वचन, पुरुष, कारक के अनुसार किसी दूसरे पद (क्रिया) में होने वाले परिवर्तन को अन्विति कहते हैं।
वाक्यों में कर्ता एवं कर्म के साथ परसर्गों के आने एवं न आने की दशा में क्रिया में होने वाले परिवर्तन के कुछ निम्न उदाहरण-
·       राम आम खाता है
(जब कर्ता एवं कर्म के साथ कोई परसर्गीय चिह्न न हो तो हमेशा कर्ता के अनुसार अन्विति होगी)
·       राम ने आम खाया
(जब कर्ता के साथ ने परसर्ग हो तथा कर्म के साथ कोई परसर्गीय चिह्न न हो तो कर्म के अनुसार अन्विति होगी)
·       राम मोहन को पढ़ा रहा है।
(जब कर्ता के साथ कोई परसर्गीय चिह्न न हो और कर्म के साथ को परसर्ग हो तो कर्ता के अनुसार अन्विति होगी)
·       (1). सिपाही ने चोर को पकड़ा ।          (2). माँ ने चोर को पकड़ा
(जब कर्ता एवं कर्म दोनों के साथ परसर्गीय चिह्न हों तो अन्विति नहीं होगी और क्रिया सामान्य(Neutral) होगी)
           नोट : Neutral- क्रिया की स्थिति (एकवचन, पुल्लिंग एवं अन्य पुरुष) में होगी।
·       (1). पिता ने पुत्र को चिट्ठी लिखी।          (2). माँ ने बेटी को पत्र लिखा

(जब कर्ता के साथ ने परसर्ग हो और वाक्य द्विकर्मक की स्थिति में हो तो मुख्य कर्म के अनुसार अन्विति होगी)

Saturday, July 13, 2019

हिंदी एवं भोजपुरी गुणवाचक विशेषणों का कुछ डाटा संग्रह

हिंदी एवं भोजपुरी गुणवाचक विशेषणों का कुछ डाटा संग्रह- 
आपके सुझाव आमंत्रित हैं--------



क्रमांक
हिंदी गुणवाचक विशेषण
भोजपुरी रूप
1
सुंदर
सुघर/ सुघ्घर/ झकदार
2
बलवान
बड़ियार
3
विद्वान
जानकार
4
भला
भला
5
चालाक
चालू
6
अच्छा
नीक/नीमन/ठीक
7
ईमानदार
ईमानदार
8
सरल
सरल/आसान
9
विनम्र
नीमन
10
बुद्धिमान
चालाक
11
सच्चा
सच्चा
12
दानी
दानी
13
सीधा
सोझ
14
शांत
थिराइल/शांत/ठंडा
15
दुष्ट
हरामी
16
बुरा
बेकार/खराब
17
झूठा
झूठा/झूठ
18
क्रूर
निरदयी
19
कठोर
कड़ेर
20
घमंडी
घमंडी /टेड
21
बेईमान
बइमान/बइमानी
22
पापी
पापी/पपिया
23
लाल
लाल/ललका
24
लालची
लालची
25
पीला
पियर/पियरका
26
सफ़ेद
उजर/उजरका
27
नीला
नीला/आसमानी
28
हरा
हरियर/ हरियरका
29
काला
करिया/करिका/करियठ

30
बैगनी
भनटहिया
31
चमकीला
चमकउवा
32
धुंधला
धुधुरा/धुधुरावन
33
धूमिल
मटमइला
34
लंबा
लमहर
35
पतला
पातर/पतरका/खाखर
36
दुबला
दूबर/लकडी
37
मोटा
मोट/भोदा
38
भारी
भारी/वजनदार
39
पिघला
पिघलल
40
गड्ढा
गड़हा/खाल/गहीर
41
गीला
ओद/गील/भीगल
42
बड़ा
बड़/बड़का/बोड़
43
छोटा
छोट/छोटका

44
अस्वस्थ
बेमार/बेजार
45
सूखा
सूखल/झुराइल

46
घना
घनघोर
47
गरीब
गरीब
48
पालतू
पोसुवा
49
रोगी
रोगीयाह
50
कमजोर
          अब्बर
51
हल्का
हलुक/हलुका
52
बूढ़ा
बूढ़ /बुढ़ऊ / बुढ़वा
53
अमीर
पइसगर
54
खट्टा
खट/खटतूरत
55
मीठा
मीठ
56
नमकीन
नुनछाह
57
कड़वा
कड़वा
58
तीखा
तीत
59
सुगंधित
गमकउया/महकदार
60
भीतरी
भीतरी/भितरिया/भीतर
61
बाहरी
बहरिया/ बाहर /बहरवा
62
ऊपरी
ऊपर / उपरा /उपरिया

63
पूर्वी
पुरवइया
64
दायाँ
दाहिना
65
बायाँ
बाया
66
नया
नवका/नावा
67
पुराना
पुरान/पुरनका

68
ताजा
टटका
69
भूतकाल
पिछला
70
वर्तमान काल

वर्तमान काल
71
भविष्य काल

अगला काल
72
टिकाऊ
टिकाऊ
73
संध्या
सांझ
74
सवेरा
सबेर/सबेरे
75
मुलायम
चिकन/मोलायम
76
ठंडा
पल्ला/ठंडा
77
गरम/गर्म
गरम
78
कोमल
नरम
79
खुरदरा
ख़रख़राह
80
अच्छा
नीक/नीमन
81
बुरा
खराब/बेकार
82
कायर
जंगरचोर
83
वीर
बीर
84
डरपोक
डरपोक/डराकू
85
मेहनती
कमासुत
86
स्वास्थ
तबीयत
87
सुनहरा
रंगीन
88
मौसमी
सिजनी
89
आगामी
आगम
90
नवीन
नया
91
आधुनिक
आधुनिक
92
वार्षिक
सालाना
93
मासिक
महीना
94
भारतीय
भारतीय
95
विदेशी
परदेशी
96
ग्रामीण
                     देहाती
97
उजाला
                 अजोरिया
98
देशीय
                      देशी
99
अंधेरा
                  अनहरिया
100
चपटा
                     चापट


संदर्भ: अक्षय कुमार - एम. ए. भाषा प्रौद्योगिकी