Wednesday, August 21, 2019

स्वर और व्यंजन की परिभाषा एवं वर्गीकरण

स्वर की परिभाषा (Definition of Vowel) :
    परंपरागत व्याकरण के अनुसार-
        पतंजलि- “स्वतो राजन्ते इति स्वराः” (जिन ध्वनियों का उच्चारण स्वतः होता है स्वर कहलाते हैं)       (अ, , , , , , , , , , , अं, अः, आँ)
      आधुनिक व्याकरण के अनुसार-
         जिन ध्वनियों के उच्चारण में मुखविवर में कहीं भी वायु का अवरोध न हो। (अ, , , , , , , , , , औ)
      (नोट- आधुनिक व्याकरण में ‘(ं)को अनुस्वार, ‘अःको विसर्ग एवं ‘(ँ)को अनुनासिक के अंतर्गत रखा गया है)
       आधुनिक व्याकरण के अनुसार 11 स्वर हैं। हिन्दी की सभी स्वर ध्वनियाँ आक्षरिक होती हैं।
पाणिनि- “एक मात्रो भवेद ह्रस्वो, द्विमात्रो दीर्घ उच्येत। त्रिमात्रस्तु प्लूतो सेयो, व्यंजन चार्ध मात्रकम्।” मात्रा की दृष्टि से पाणिनी ने स्वर के तीन प्रकार किए हैं- ह्रस्व, दीर्घ एवं प्लुत
    
Cambridge dictionary's definition:
        Ø  speech sound produced by humans when the breathflows out through the mouth without being blocked by the teethtongue, or lips.
Ø  A vowel is also a letter that represents a soundproduced in this way.

          
     कुछ Image..........



व्यंजन की परिभाषा (Definition of Consonant)
  परंपरागत व्याकरण के अनुसार-
        पतंजलि- “स्वतो राजन्ते इति स्वराः, अन्वग भवति व्यंजनमिति।” (जिन ध्वनियों का उच्चारण स्वतः नहीं होता है जो स्वर की सहायता से उच्चरित होते हैंव्यंजन कहलाते हैं)
  आधुनिक व्याकरण के अनुसार-
      जिन ध्वनियों के उच्चारण में मुखविवर में कहीं न कहीं वायु का अवरोध हो, वे व्यंजन कहलाते हैं।
     (नोट- आधुनिक व्याकरण में क्ष, त्र, ज्ञ एवं श्र को संयुक्त व्यंजनके अंतर्गत रखा गया है, जो इस प्रकार हैं- क्ष= क+ष, त्र= त+र, ज्ञ= ज+ञ, श्र= श+र, इसमें सभी 'हल' हैं) (दो नए व्यंजनों ड़, ढ़ को शामिल किया गया है) (आधुनिक व्याकरण के अनुसार 35 व्यंजन हैं)

Cambridge dictionary's definition:
Ø  One of the speech sounds or letters of the alphabet that is not a vowel. Consonants are pronounced by stopping the air from flowing easily through the mouth, especially by closing the lips or touching the teeth with the tongue.
Ø  A consonant is also a letter that represents a soundproduced in this way.

  
कुछ Image..........




 संदर्भ ग्रंथ:-
डॉ. अनिल कुमार पाण्डेय- हिंदी संरचना के विविध पक्ष 

Friday, August 9, 2019

भाषा प्रौद्योगिकी का वैश्विक परिदृश्य


भाषा प्रौद्योगिकी का वैश्विक परिदृश्य:-
                       अमेरिका में एम.आई.टी.(MIT) संस्था ने अपने सभी पाठ्यक्रम इंटरनेट पर मुफ़्त प्रस्तुत किए हैं। डिप्लोमा से लेकर पी-एच.डी., डी-लिट तक सभी पाठ्यक्रम विश्व के किसी भी कोने में बैठकर इंटरनेट द्वारा हासिल किए जा सकते हैं।
इंटरनेट सेवा के अंतर्गत ई-मेल, चैटिंग, वाइस मेल, ई-ग्रीटिंग आदि बहुपयोगी क्षेत्र में हिंदी भाषा का विकास एवं संप्रेषण की संभावनाएँ अधिक हैं। स्पीच रिकग्नीशन ( Speech Recognition) यह एक ध्वनि आधारित कंप्यूटर सॉफ्टवेअर है। वर्तमान स्थिति में यह पैकेज अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध है। सी-डैक यह सुविधा हिंदी में उपलब्ध करवाने हेतु अनुसंधान कर रही है। स्पीच रिकग्नीशन के सहारे अनपढ़ व्यक्ति भी कंप्यूटर के सामने बैठकर अपने विचार, शिकायत, सुझाव आदि बोलकर अपनी भाषा में संबंधित कंप्यूटर पर लिपिबद्ध कर सकता है।
विश्व प्रसिद्ध माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने हिंदी भाषा के लिए एम. एस. ऑफ़िस-२००० पैकेज विकसित किया है। माइक्रोसॉफ्ट के अन्य उत्पादों में हिंदी को शामिल किया गया है।
एम.एस.ऑफ़िस सॉफ्टवेअर-२००० के दक्षिण एशियाई संस्करण में अब तमिल और देवनागरी लिपि को स्थापित किया गया है। भारत की आम जनता भारतीय भाषाओं में तथा दृश्य चित्र और स्पर्श के सहारे कंप्यूटर का प्रयोग सभी क्षेत्रों में कर सकेगी।
(I) गूगल अनुवाद प्रणाली Google Translatorhttp://translate.google.co.in/: - कुल 80 भाषाएँ जिसमें मराठी के साथ-साथ नौ (9) भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य किया जा रहा है।
अन्य ऑनलाईन मशीनी अनुवाद प्रणालियाँ
(II) बिंग अनुवाद प्रणाली (Bing Translator): कुल 44 भाषाएँ जिनमें 3 भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य किया जा रहा है।
(III) फ्री-ट्रांसलेशन – Free-Translation कुल 43 जिनमें 3 भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य किया जा रहा है।
(IV) Babylon Translator - http://translation2.paralink.com/English-Hindi-Translator
(V) http://www.word2word.com/free.html (शब्दानुवाद / वर्ड-टू-वर्ड) इस पर कई भाषाई उपकरण उपलब्ध हैं।
(VI) Aktuel Translation - http://www.aktueltranslations.com/free-online-translation/ इस पर भी विदेशी और भारतीय भाषाओं के लिए अनुवाद प्रणाली उपलब्ध है।
(VII) http://www.onehourtranslation.com/free-translation/ इसपर भी कुल 110 भाषाओं में 14 भारतीय भाषाओं के लिए अनुवाद प्रणाली उपलब्ध है।
(VIII) अंग्रेजी के लिए www.oxforddictionaries.com पर Online Oxford Dictionary तथा अन्य कई शब्दकोश उपलब्ध हैं
(IX) सर्च इंजन गूगल, याहू, बिंग, अल्ट्रा विस्टा आदि सर्च इंजिन लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध हैं जिससे हम किसी भी जानकारी को किसी भी भाषा में पा सकते हैं
(X) सभी भारतीय भाषाओं हेतु Google Transliteration IME Tool, Google Input Tool आदि टूल उपलब्ध हैं जो टंकण करने के लिए बहुत सरल हैं जो डाउनलोड किए जा सकते हैं अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं के लिए http://utilities.webdunia.com/hindi/transliteration.html इस वेबसाईट पर लिप्यंतरण उपकरण उपलब्ध है
भारतीय भाषाओं की वर्तनी एवं शब्द भंडार-
                                भारतीय भाषाओं की वर्तनी एवं शब्दों के लिए पर्यायी, विपरीतार्थ और बहुभाषी शब्द आदि के लिए भाषा प्रौद्योगिकी में सबसे बड़ी चुनौती थी। इस प्रयास में विभिन्न प्रौद्योगिकी कंपनियां भाषाओं के लिए सॉफ्टवेअर बनाने का कार्य कर रही थी। माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय भाषाओं के लिए अपनी साइट www.bhashaindia.com पर सभी भारतीय भाषाओं के लिए शब्द भंडार, जैसे- हिंदी से अंग्रेजी, अंग्रेजी से हिंदी तथा अन्य भाषाओं में द्विभाषी Smart Tag बनाया है। स्मार्ट टैग को आसानी से कम्प्युटर में संस्थापित किया जा सकता है। स्मार्ट टैग यूनिकोड समर्थित होने के कारण ऑफिस वर्जन में आसानी से काम करता है।

Monday, August 5, 2019

भाषा प्रौद्योगिकी का भारतीय परिदृश्य




भाषा प्रौद्योगिकी का भारतीय परिदृश्य:-
                भाषा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मशीनी अनुवाद के इतिहास को देखा जाए तो इस क्षेत्र में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कार्य का आरंभ किया गया। 1954 में आई.बी.एम. (International Business Machine : IBM), न्यूयार्क आई.बी.एम. द्वारा सिस्ट्रॉन (SYSTRAN) नामक मशीनी अनुवाद प्रणाली का प्रदर्शन किया गया, जो रसायनशास्त्र (Chemistry) के 49 रूसी वाक्यों को अंग्रेजी में अनुवाद करता था। जिसकी क्षमता 250 शब्दों और 6 व्याकरणिक नियमों का प्रयोग करना था। शब्दानुवाद के कारण इसमें कई अशुद्धियाँ थीं। इसलिए इसे ‘Toy’ सिस्टम कहा जाने लगा। भारत में भी मशीनी अनुवाद प्रणालियाँ, हिंदी वर्तनी जांचक, पिओएस (POS) टैगर, लिप्यान्तरण प्रणाली, हिंदी फोंट, फोंट कोड परिवर्तक, शब्द संसाधक, कार्पोरा, ट्रांसलिटरेशन, ओ. सी. आर., अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश, हिंदी स्पेल चेकर मशीनी अनुवाद प्रणालियाँ, पार्ट ऑफ़ स्पीच टैगर, रूपिम विश्लेषक के संबंध में कुछ विशेष संस्थानों द्वारा, जैसे- IIT कानपुर, सी-डैक पुणे, सी-डैक मुंबई, IIT मुंबई, IIIT हैद्राबाद, म.गां.अं. हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा कार्य किये गए हैं 
म.गां. अं. हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा वर्धा हिंदी शब्दकोश, सक्षम हिंदी वर्तनी परीक्षक (Hindi Spell Checker), समाजविज्ञान विश्वकोश आदि सोफ्टवेयर (http://www.hindivishwa.org) इस लिंक पर उपलब्ध हैं। यहाँ यूनिकोड से कृतिदेव से यूनिकोड लिपि परिवर्तक भी उपलब्ध है।
(म.गां.अं. हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में असिस्टेंट प्रो. डॉ. धन जी प्रसाद द्वारा किए जाने वाले कार्य) -
1. कुशल : हिंदी वर्तनी जाँचक (यूनिकोड हेतु) (KUSHAL : Hindi Spell Checker)
            विशेषताएँ : एक क्लिक में परीक्षणसीमित सुझावतीव्र गति।
2. हिंटै : संदर्भ-मुक्त पी.ओ.एस टैगर (HINTAI : Context-Free POS Tagger)
            विशेषताएँ : नियम आधारित,  हिंदी की प्रकृति के अनुरूप टैग।
3रूपविश्लेषक : रूपवैज्ञानिक रूप विश्लेषक (ROOPVISHLESHAK : Morphological Form Analyzer)
            विशेषताएँ : पाठ में आए शब्दों का विश्लेषण कर सूचनाएँ देना। 
4. रूपसर्जक : रूपवैज्ञानिक रूप प्रजनक (ROOPSARJAK : Morphological Form Generator)
            विशेषताएँ : इनपुट शब्द या डाटाबेस के सभी शब्दों के रूपों का निर्माण।
5. अन्वेषक : कोशीय इकाई (कोशिम) प्राप्तकर्ता (ANVESHAK : Lexical Entry (Lexeme) Finder)
            विशेषताएँ : किसी पाठ के सभी शब्दों के केवल कोशीय रूपों का संकलनप्रत्येक शब्द को एक बार और केवल अप्राप्त शब्दों को भी सुरक्षित करने की सुविधा।
6. अंतरक : देवनागरी रोमन लिप्यंतरण प्रणाली (ANTARAK : Devanagari Roman Transliteration System)
              विशेषताएँ : टंकित पाठ का देवनागरी रोमन में एक क्लिक में रूपांतरण
7. खोजी : संदर्भ में शब्द प्राप्तकर्ता (KHOJEE : Keyword in context Founder)
             विशेषताएँ : सभी भाषाओं के लिए वाक्य और शब्द दोनों को प्रस्तुत करने की व्यवस्थातीव्र गति।
8. शोधक : हिंदी पाठ मानककर्ता (SHODHAK : Hindi Text Standardizer)
             विशेषताएँ : पाठ के सभी अमानक शब्दों का एक क्लिक में मानकीकरण।
9. सामान्यक : विराम चिह्न सामान्यीकारक (SAMANYAK : Punctuation Mark Normalizer)
              विशेषताएँ : पाठ में हुई विराम चिह्न संबंधी त्रुटियों को एक क्लिक में तत्काल ठीक कर देना।
10. गणक : शब्द आवृत्ति गणक (GANAK : Word Frequency Counter)
             विशेषताएँ : एक या एक से अधिक पाठों में आए शब्दों को उनकी आवृत्ति के साथ प्रस्तुत करना।
11. कुशल : हिंदी वर्तनी जाँचक (KUSHAL : Hindi Spell Checker)  (यूनिकोड हेतु)         

(नोट- अधिक जानकारी के लिए इस लिंक  https://lgandlt.blogspot.com/2019/02/blog-post_6.html पर जाएँ)

भारत में प्राकृतिक भाषा संसाधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और वहाँ किए गए कार्य इस प्रकार हैं-
 IIT कानपुर-  आंग्लभारती भाषा प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर 1999 में प्रो. आर. एम. के॰ सिन्हा द्वारा आंग्लभारती परियोजना आरंभ की गई। भारत में यंत्रानुवाद क्षेत्र में किया जाने वाला यह पहला कार्य था। आंग्लभारतीअंग्रेजी से भारतीय भाषाओं के लिए मशीनी अनुवाद प्रणाली का विकास कार्य शुरू किया गया। इसके बाद अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद आंग्लहिंदी(AnglaHindi) नामक सॉफ्टवेयर बनाया गया। अनुभारती हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए इसका विकास किया गया।
अनुसारका - ( ANUSAARAKA) - यह परियोजना प्रो. राजीव संगल के निर्देशन में प्रारंभ हुई जो तेलुगु, कन्नड़, पंजाबी, मराठी और बंग्ला से हिंदी में अनुवाद प्रणाली के विकास हेतु बनाई गई है। यह पाणिनि व्याकरण के सिद्धांतों का प्रयोग कर विकसित की गई है। जो http://ltrc.iiit.ac.in/showfile.php?filename=downloads/anu/index.htm इस वेबसाईट पर उपलब्ध है।
सी-डैक पुणे (C-DAC Pune) -  सी-डैक पुणे में प्रो. हेमंत दरबारी के निर्देशन में भाषा प्रौद्योगिकी से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें मंत्रा’ (2007) नामक सोफ्टवेयर का विकास कार्य चल रहा है जो राजभाषा के प्रशासनिक, वित्तीय, कृषि, लघु उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा एवं बैंकिंग क्षेत्रों से संबंधित पत्र, अधिसूचना तथा विज्ञप्तियाँ आदि को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता है।मंत्रराजभाषा भारत सरकार के सभी मंत्रालयों में मानक तथा शीघ्र गति से हिंदी अनुवाद में सहायक होगा। इसके साथ-साथ वाक् प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रवाचक’ (पाठ से वाक् प्रणाली) और वाचांतर’ (वाक् से पाठ प्रणाली) पर भी अनुसंधान कार्य शुरू है। हिंदी शिक्षण के लिए लीला पॅकेज ‘कंप्यूटर की सहायता से प्रबोध, प्रवीण तथा प्राज्ञ स्तर की हिंदी सभी भारतीय भाषाओं के माध्यम से स्वयं सीखने के लिए राजभाषा विभाग ने कंप्यूटर प्रोग्राम (लीला हिंदी प्रबोध, लीला हिंदी प्रवीण, लीला हिंदी प्राज्ञ ) तैयार करवा कर सर्व साधारण द्वारा उसका निशुल्क प्रयोग के लिए उसे राजभाषा विभाग की वैब साइट पर उपलब्ध कर दिया है।
 सी-डैक मुंबई (C-DAC Mumbai) मुंबई में मात्रा (MATRA) अनुवाद प्रणाली का विकास 2004 में किया गया जो समाचारों, वार्षिक प्रतिवेदनों और तकनीकी पदबंधों के क्षेत्र में कार्य करने वाली यह प्रणाली अंग्रेजी पूर्वसर्गों का हिंदी परसर्गों में प्रतिचित्रण करती है। यह प्रणाली संस्था के साइट मात्रा 2 (MATRA) – यह अंग्रेजी-हिंदी स्वयंचलित मशीनी अनुवाद प्रणाली है।
 जो http://www.cdacmumbai.in/matra/ पर उपलब्ध है।
Xlit - यह लिप्यांतरण (Transliteration) के लिए बनाया गया उपकरण है जो अंग्रेजी के शब्दों को मराठी उर्दू, कन्नड़ और हिंदी भारतीय भाषाओं में लिप्यंतरित करता है। जो http://extensions.services.openoffice.org/project/xlithindi इस वेबसाईट पर उपलब्ध है।
STATMT यह सांख्यिकीय मशीनी अनुवाद (SMT) प्रणाली है जो अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं के लिए बनाई गई है।
इससे संबंधित जानकारी http://www.cdacmumbai.in/e-ilmt. इस वेबसाईट पर उपलब्ध है।
SUTRA – यह मल्टीयूजर अनुवाद सहायक उपकरण है
 जो http://sourceforge.net/projects/sutra/. इस पर उपलब्ध है।
Rupantar यह किसी भी लिपि में लिखे गए सामग्री को दूसरी लिपि में रूपांतरित करता है जिसका हिंदी, मराठी, तेलगु, मलयालम, तमिल, गुरुमुखी, गुजराती, कन्नड़, उड़िया, बंगला इन भाषाओं के लिपि रूपांतर के लिए उपयोग किया जा सकता है।
यह उपकरण http://www.cdacmumbai.in/rupantar इस पर उपलब्ध है।
ChitranTran – यह किसी टेक्स्ट समग्री को प्रतिमा में रूपांतरित करने वाला लिप्यांतरण उपकरण है जो अंग्रेजी और हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लिए बनाया गया है।
शब्दांजली ( Shabdanjali) - सी-डैक मुंबई ने शब्दांजली नामक अंग्रेजीहिंदी द्विभाषी शब्दकोश का विकास किया है जो http://www.cdacmumbai.in/matra/dict.jsp इस लिंक पर उपलब्ध है।
IIT मुंबई IIT मुंबई में हिंदी और मराठी के लिए शब्दतंत्र, अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश का विकास किया गया है।
IIIT हैद्राबाद  शक्ति’ (शक्ति-किट, 2005) यह अनुवाद प्रणाली अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, हैद्राबाद में विकास कार्य किया जा रहा है। जिसमें अंग्रेजी से हिंदी, मराठी और तेलुगु इस भारतीय भाषाओं से संबंधित कार्य किया जा रहा है। यह अनुवाद प्रणाली वेबसाइट http://shakti.iiit.net पर उपलब्ध है।
म.गां. अं. हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा वर्धा हिंदी शब्दकोश, सक्षम हिंदी वर्तनी परीक्षक (Hindi Spell Checker), समाजविज्ञान विश्वकोश आदि सोफ्टवेयर http://www.hindivishwa.org इस लिंक पर उपलब्ध हैं। यहाँ यूनिकोड से कृतिदेव से यूनिकोड लिपि परिवर्तक भी उपलब्ध है।
भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास (TDIL) – के वेबसाईट से 525 हिंदी फोंट, फोंट कोड परिवर्तक, वर्तनी संशोधक, शब्द संसाधक, कार्पोरा, ट्रांसलिटरेशन, ओ सी आर, अंग्रेजी -हिंदी शब्दकोश, हिंदी स्पेल चेकर को निशुल्क प्रयोग के लिए वेब साइट पर उपलब्ध करा दिया गया। इन्हें http://ildc.in से डाउनलोड किया जा सकता है। इसके साथ साथ मशीनी अनुवाद प्रणालियाँ, पार्ट ऑफ़ स्पीच टैगर, रूपिम विश्लेषक (Morphological Analyzer) भी उपलब्ध हैं।
TDIL के http://www.tdil-dc.in/components/com_mtsystem/CommonUI/homeMT.php इस वेबसाईट पर अंग्ला’ (Angla MT) और अनुवादक्ष’ (ANUVADAKSH) ये दो मशीनी अनुवाद प्रणालियाँ उपलब्ध हैं। जो अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, उर्दू, पंजाबी, तमिल, बंगाली, मलयालम, उड़िया, तेलुगु भाषाओं के लिए हैं। जिसका स्वास्थ्य, पर्यटन और सामान्य क्षेत्र के अनुवाद कार्य के लिए प्रयोग किया जाता है।
अंग्ला’ (Angla MT)- अंग्रेजी-बंगाली, अंग्रेजी-मलयालम, अंग्रेजी-उर्दू और अंग्रेजी-पंजाबी भाषाओं के लिए IIT कानपूर ने डॉ. आर. एम. के सिन्हा के निर्देशन में बनाया।
संपर्क’ (SAMPARK)- भारतीय भाषाएँ हिंदी-पंजाबी, पंजाबी-हिंदी, तेलगु-तमिल और उर्दू-हिंदी भाषा में अनुवाद करने के लिए यह अनुवाद प्रणाली उपलब्ध है। जिसको IIIT हैद्राबाद ने डॉ. राजीव सेंगल के निर्देशन में विकसित किया है।
अनुवादक्ष’ (ANVADAKSH) - यह मशीनी अनुवाद प्रणाली अंग्रेजी से भारतीय भाषा मशीन अनुवाद प्रणाली’ (E-ILMT) है। जिसमें अंग्रेजी-हिंदी, अंग्रेजी-मराठी, अंग्रेजी-बंगाली, अंग्रेजी-उड़िया और अंग्रेजी-तमिल इन भाषाओं के लिए प्रणाली उपलब्ध है। इसपर वर्तमान में आगे का विकास कार्य भारत के कई संस्थानों में चल रहा है।
संधान’ (Sandhan) - यह एकभाषी सर्च सिस्टम है, जो बंगाली, हिंदी, मराठी, तमिल और तेलगु भाषाओं में पर्यटन क्षेत्र की जानकारी की खोज के लिए बनाया गया है।
अनुबादोकAnubadok ) – अंग्रेजी से बँगला अनुवाद प्रणाली जिसमें कुछ सिमित शब्दों का ही अनुवाद करती है। http://bengalinux.sourceforge.net/cgi-bin/anubadok/index.pl इस पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, दिल्ल्ली में संस्कृत अध्ययन केंद्रद्वारा संस्कृत-हिंदी अनुवाद के लिए सहित’ (SaHit) नामक प्रणाली का विकास किया जा रहा है।अनुवादक’ यह अनुवाद प्रणाली सुपर इंफोसॉफ्ट प्राईवेट लिमिटेड (Super Infosoft Pvt.Ltd.), दिल्ली द्वारा श्रीमती अंजली रावचौधरी के निर्देशन में विकसित अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद करने वाला अनुवादक 5.0 पश्च संपादन में सहायक है। इसके साथ-साथ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की सर्वभाषिक संपर्क भाषा’ (UNL: Universal Networking Languages) नामक परियोजना पर भी काम किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र संघके माध्यम से विश्व की अधिक से अधिक भाषाओं में संपर्क बढ़ाना है।
संगणकीय कोशकारिता: – कोशकारिता यह एक बहुत ही क्लिष्ट और परिश्रम वाला कार्य है। परिवर्तन भाषा विशेषता के कारण समय के साथ-साथ भाषा के प्रचलित शब्दों और अर्थो में निरंतर बदलाव होता रहता है। नए शब्दों का आगमन, शब्दों का लोप आदि के कारण पुराने कोशों अर्थात पुस्तकी कोश में समय-समय पर पुनः सुधार करना संभव नहीं है। इसलिए पुनः उन कोशों के नए संस्करण का निर्माण करना पड़ता है और यह बहुत समय लेने वाला, कठिन और श्रम वाला कार्य है। इसलिए आज कोशकारिता जैसी विषय को भी कंप्यूटर के साथ जोड़कर शब्दों में निरंतर होने वाले परिवर्तन, उसमें होने वाले लुप्त, नए शब्दों का गढ़ना आदि को समय-समय पर सुधार करने के लिए संगणकीय कोशकरीता’ (Computational Lexicography) जैसी संकल्पना ने जन्म लिया। जिससे आनेवाले समय में कम समय में शब्दों की खोज उनके अर्थ को जानने-समझने के लिए सरलता आ गई। इंटरनेट पर अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं के लिए कई कोश ऑनलाइन उपलब्ध हैं जिसकी वेबसाईट नीचे दिए गए हैं -
(I) वर्डनेट(शब्दतंत्र) मराठी और हिंदी के लिए IIT मुंबई द्वारा विकसित हिंदी और मराठी वर्डनेट, हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश http://www.cfilt.iitb.ac.in/wordnet/webhwn/wn.php इस वेबसाईट पर उपलब्ध है।
(II)शब्दकोश.काम - http://www.shabdkosh.com/ इस वेबसाईट पर अंग्रेजी से हिंदी, मराठी, बंगला, गुजरती, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलगु आदि के लिए शब्दकोश उपलब्ध है।
(III) खंडबहाले शब्दकोश - http://www.khandbahale.org/ इस वेबसाईट पर अंग्रेजी से हिंदी, मराठी, संस्कृत, बंगला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलगु, नेपाली, डोगरी, कोंकणी, बोडो, असमिया, मैथिली, संथाली, सिंधी, कश्मीरी, उर्दू, मणिपुरी, ओरिया आदि सभी भारतीय भाषाओं के लिए शब्दकोश उपलब्ध है।
(IV) ई-शब्दकोश. कॉम - http://www.eshabdakosh.com/ इस पर अंग्रेजी से मराठी शब्दकोश उपलब्ध है।
(V) हिंदी खोज शब्दकोश - http://dict.hinkhoj.com/ इस पर उपलब्ध है।
(VI) अंग्रेजी-हिंदी के लिए - http://hindi.changathi.com/Dictionary.aspx इस वेबसाइट पर शब्दकोश उपलब्ध है।
(VII) Solpro शब्दकोश - www.solpro.com पर ऑफ़लाइन शब्दकोश अंग्रेजी से हिंदी के लिए उपलब्ध है जो डाउनलोड किया जा सकता है ।
(VIII) offlinehindidictionary.com (मोबाईल अप्स) इसपर अंग्रेजी-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश उपलब्ध है।
अन्य स्त्रोत (source) अन्य स्त्रोत जिनमें अंग्रेजी, हिंदी तथा एनी भाषाओँ से सबंधित उसके साहित्य, भाषाई व्याकरण आदि से संबंधित कई वेबसाइटस उपलब्ध है जिनको हम निम्न प्रकार से देख सकते हैं -
I.हिंदी सबके लिए’ http://hindiforyou.blogspot.in/2009/09/blog-post.html इस ब्लॉग पर व्याकरण, कोश, हिंदी शिक्षण पाठ्यसामग्री, हिंदी साहित्य तथा हिंदी से जुडी कई सामग्री उपलब्ध है।
II.हिंदी टेकयह भाषा-प्रौद्योगिकीसे संबंधित ऑनलाइन पत्रिका है, जहाँ इससे संबंधित आलेख, भाषाई उपकरण - POS टैगर, हिंदी वर्तनी जाँचक, हिंदी मानकीकरण टूल, बहुभाषिक शब्दकोश(अंग्रेजी-हिंदी-मराठी), चंकर आदि उपलब्ध हैं। जो http://hinditech.in/ पर उपलब्ध हैं।
III. क्विक समाधान नामक इस http://quicksamadhan.com वेबसाईट पर हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल, बंगाली, तेलुगु, गुजराती, पंजाबी, मलयालम, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, उडिया आदि भारतीय भाषाओं के व्याकरण से संबंधित जानकारी उपलब्ध है।
IV. हिंदी भाषा से संबंधित हिंदी समय (http://www.hindisamay.com/),http://learn-hindi-online.com/hindi-grammar/http://www.hindikunj.com , http://hindigrammarsite.blogspot.in आदि वेबसाइट उपलब्ध हैं।
V. अंग्रेजी भाषा व्याकरण से संबंधित http://www.verbix.com/webverbix/English/run.html , http://www.englishpage.com/ आदि वेबसाइट उपलब्ध हैं।
VI. मराठी भाषा से संबंधित http://mylanguages.org/learn_marathi.php,http://ilanguages.org/marathi.phphttp://www.marathidictionary.org/wordmeaning.php उपलब्ध हैं ।
VII. संस्कृत भाषा से संबंधित http://learnsanskrit.org/grammarhttp://www.sanskritebooks.org http://sanskrit.samskrutam.com/en.MainPage.ashx, आदि वेबसाईट उपलब्ध हैं ।
कुछ अन्य कार्य:-
                        भारत सरकार की नीति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र का राजस्व रिकार्ड भारतीय भाषा में विकसित किया जा रहा है। लैंड रिकार्ड नामक महत्वाकांक्षी योजना में हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ने की संभावना है। आने वाले दिनों में उत्तर भारत का साधारण पटवारी लैंड रिकार्ड हिंदी में कंप्यूटर पर तुरंत प्रस्तुत करेगा।
कंप्यूटर में हिंदी प्रयोग की बढ़ती संभावनाओं को ध्यान में रखकर इलेक्ट्रानिकी विभाग ने "भारतीय भाषाओं के लिए टेक्नॉलॉजी विकास” नामक परियोजना के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। 
सूचना प्रौद्योगिकी के तहत मशीनी अनुवाद एवं लिप्यंतरण सहज एवं सरल हो गया है। सी-डैक पुणे ने सरकारी कार्यालयों के लिए अंग्रेज़ी-हिंदी में पारस्पारिक कार्यालयीन सामग्री का अनुवाद (निविदा सूचना, स्थानांतरण आदेश, गज़ट परिपत्र आदि) करने हेतु मशीन असिस्टेड ट्रांसलेशन "मंत्रा" पॅकेज विकसित किया है। हिंदी भाषा में वैबपेज विकसित करने हेतु "प्लग इन" ( Plug in ) पॅकेज तैयार किया है, जिससे कोई भी व्यक्ति/संस्था अपना वैबपेज हिंदी में प्रकाशित कर सकता है।
अब वर्तमान स्थिति में वैबसाइट पर हिंदी इलेक्ट्रॉनिक शब्दकोष उपलब्ध है। इसी तरह अंग्रेज़ी तथा भारतीय भाषाओं में पारस्पारिक अनुवाद प्राप्त करने की सुविधा भी उपलब्ध है। कन्नड हिंदी के बीच "अनुसारक" सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। हिंदी और दक्षिण भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद सॉफ्टवेयर का विकास आई.आई.टी. कानपुर तथा हैदराबाद विश्वविद्यालय में किया जा रहा है। अंग्रेज़ी हिंदी अनुवाद हेतु एम.सी.एस.टी. में समाचार-पत्रों एवं कहानियों के लिए तथा सी-डैक पुणे में प्रशासनिक सामग्री के लिए विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं। सी-डैक पुणे द्वारा निर्मित लीप-ऑफ़िस सॉफ्टवेयर में अंग्रेज़ी हिंदी शब्दकोष, अनुवाद, समानार्थी शब्दकोष, हिंदी में ई-मेल आदि अंग्रेज़ी भाषा के समकक्ष सभी सुविधाओं को प्रस्तुत किया गया है।
भारत सरकार के नेशनल सेंटर फार सॉफ्टवेअर टेक्नॉलॉजी (NCST) ने सभी भारतीय भाषाओं की लिपि को कंप्यूटर पर स्थापित करने हेतु विशेष अभियान चलाया है।
 एन.आय.सी पुणे ने वारणानगर गोकुल दूध डेअरी परिसर हेतु कंप्यूटर पर मराठी भाषा को स्थापित किया है। इसके द्वारा ग्रामीण किसान व छात्र अपनी भाषा में कंप्यूटर के सहारे दैनंदिन कामकाज करने में सक्षम हो गए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में हिंदी भाषा का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट, याहू, रेडिफ आदि विदेशी कंपनियों ने अपनी वैबसाइट पर हिंदी भाषा को स्थान दिया है। 
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने खार घर (नई मुंबई) स्थित छ: एकड़ भूमि में पच्चीस करोड़ राशि की लागत से भारतीय भाषाओं के सॉफ्टवेअर विकसित करने हेतु कार्य शुरू किया है। सी-डैक ने इंडबाज़ार डॉट कॉम ( Indbazaar.com) के सहयोग से हिंदी भाषा सीखने हेतु "लीला" नामक वैबसाइट उपलब्ध करवाई है। इस वैबसाइट के सहारे भारतीय भाषाओं की पढ़ाई ऑनलाइन मुफ़्त प्रदान की जा रही है। संस्कृत भाषा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व ध्यान में रखते हुए सी-डैक ने चारों वेद एवं अन्य पौराणिक ग्रंथों को व्यास नामक वैबसाइट पर प्रकाशित किया है। रेडिफ, भारत मेल, जिस्ट मेल, अपना मेल, वी.एस.एन.एल., वैब दुनियां, जागरण आदि अनेक भारतीय एवं विदेशी साईट पर भी ई-मेल में हिंदी की सुविधा बहाल की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों का प्रसार आम जनता तक पहुँचाने हेतु सिम कंप्यूटर जैसे सस्ते उपकरण उपलब्ध करवाने हेतु सरकार प्रयत्नशील है।

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