Monday, November 15, 2021

भगत सिंह के 27 अनमोल विचार

 

1.     जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परम्परागत चलन की आलोचना एवं विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।



2.     कठोरता एवं आजाद सोच, ये दो क्रांतिकारी होने के गुण हैं।

3.     मैं एक इन्सान हूँ और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।



4.     जीवन अपने दम पर चलता है, दूसरों के कन्धों पर तो अंतिम यात्रा पूरी होती है।

5.     कोई भी व्यक्ति तब ही कुछ करता है जब वह अपने कार्य के परिणाम को लेकर आश्व्स्त (औचित्य) होता है जैसे हम असेम्बली में बम फेकने पर थे।

6.     क्रांति मनुष्य का जन्म सिद्ध आधिकार है साथ ही आजादी भी जन्म सिद्ध अधिकार है और परिश्रम समाज का वास्तव में वहन करता है।



7.     सामान्यत: लोग परिस्थिति के आदी हो जाते है और उनमें बदलाव करने की सोच मात्र से डर जाते है। अत: हमें इस भावना को क्रांति की भावना से बदलने की जरूरत है।

8.     व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।

9.     कानून की पवित्रता तभी बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।



10. अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं मिलेगी।

11. क्या तुम्हें पता है कि दूनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है यह एक सजा है।

12. राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है।

13. प्रेमी, पागल और कवी एक ही चीज से बनते हैं।



14. जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी।

15. जरूरी नहीं था कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था

16. अगर बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा, जब हमने असेम्बली में बम गिराया तो हमारा मकसद किसी को मारना नहीं था हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था।

17. कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक वो लोगों की इच्छा कि अभिव्यक्ति करे।

18. बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।



19. इन्सान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसा कि हम विधानसभा में बम फैंकने को लेकर थे.

20. चीजें जैसी है आम तौर पर लोग उसके आदी हो जाते है और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते है हमें इसी निष्क्रियता को क्रांतिकारी भावना से बदलने कि जरुरत है।

21. मेरा जीवन महान लक्ष्य के लिए समर्पित है वह है देश की आजादी, इसके अतिरिक्त दुनिया की कोई आकर्षित वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती



22. मेरा एक ही धर्म है और वह है देश की सेवा करना

23. मेरी भावनाएं मेरी कलम से इस तरह रूबरू है अगर मै इश्क भी लिखना चाहू तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है

24. जब आवश्यकताएँ महान हो तो हिंसा भी अनिवार्य हो जाता है

25. जिन्दा रहना हर किसी की कुदरती ख्वाहिश है जिसे मैं भी नहीं छिपाना चाहता लेकिन कैद होने की शर्त पर मैं जिन्दा भी नहीं रहना चाहता

26. दिल से निकलेगी न मरकर वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू वतन की ही आएगी

27. एक विद्रोह एक क्रांति नहीं है। अंत में यह आपका अंत हो सकता है।


संदर्भ ग्रंथ :

https://dhakadbaate.com/bhagat-singh-quotes-in-hindi/

https://www.achhiadvice.com/2018/09/23/bhagat-singh-30-quotes-in-hindi/

 

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