लिंग की परिभाषा: (1) संज्ञा का
ऐसा रूप जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जीव की जाति का पता चले, उन शब्दों को लिंग कहा
जाता है। इन शब्दों के माध्यम से पता चलता है कि व्यक्ति या वस्तु पुरुष जाति का
है या स्त्री जाति का है।
(2) लिंग संज्ञा का वह लक्षण है
जो संज्ञा के पुरूषवाची तथा स्त्रीवाची होने का बोध कराता है। वह “लिंग” कहलाता है।
लिंग के भेद -
लिंग
के मुख्य रूप से 3 भेद होते हैं, जो निम्न है:
1. पुल्लिंग (पुरुष
जाति)
2. स्त्रीलिंग (स्त्री जाति)
3. नपुंसकलिंग (जड़)
इस प्रकार सारी सृष्टि की
प्रमुख तीन जातियाँ हैं-
1. पुरुष जाति
2. स्त्री जाति
3. जड़ जाति
अनेक भाषाओं में इन्हीं
तीन जातियों के आधार पर लिंग के तीन भेद किए गए हैं–
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
3. नपुंसकलिंग
(1)
पुल्लिंग: (1) वह संज्ञा जिसके माध्यम से पुरुष जाति का बोध होता
हो, उन
शब्दों को पुल्लिंग कहा जाता है। जैसे:- गमला, मकान, नाटक, लोहा, फूल, घोड़ा, कुत्ता, हाथी, आदमी, लड़का, इत्यादि।
(2) ऐसे शब्द जिनमें पुरूष जाति
का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते है।
सजीव और निर्जीव दोनों
में पुरुष जाति का बोध होता है, उन सभी शब्दों को पुल्लिंग के अंतर्गत रखा जाता है।
सजीव: आदमी, लड़का, घोड़ा, सांड, कुत्ता, सांप, इत्यादि।
निर्जीव: पीतल, तांबा, लोहा, मकान, घर, बंगला, इत्यादि।
भाव- सुख, दुःख, लगाव, इत्यादि।
पुल्लिंग शब्दों के कुछ
उदाहरण सहित वाक्य -
लड़का: हमारे सामने एक अनजान लड़का खड़ा है।
आँसू: मेरी दोनों आंखों से आंसू गिर रहे हैं।
चोट: तीर लगने से राकेश को चोट लग
गई है।
कपड़ा: मेरा कपड़ा मैंने
राकेश को दे दिया था।
तेल: हमें सब्जी में अधिक तेल खाना
चाहिए।
(2) स्त्रीलिंग: (1) वे संज्ञा शब्द जिनके माध्यम से स्त्री जाति का बोध होता है, उन शब्दों को स्त्रीलिंग के अंतर्गत रखा जाता है। जैसे: शाखा, मेंज, दारू, बकरी, बंदरिया, गाय, इत्यादि।
(2) जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते है।
सजीव व निर्जीव
स्त्रीलिंग शब्द जिनके माध्यम से स्त्री जाति का बोध होता है, वह कुछ निम्न प्रकार से है-
सजीव: पत्नी, नारी, घोड़ी, कुत्ता, बंदरिया, मुर्गी, भैंस इत्यादि।
निर्जीव: गंगा, कुर्सी, रात, रोटी, यमुना, इत्यादि।
भाव- लज्जा, बनावट इत्यादि।
स्त्रीलिंग शब्द के कुछ
वाक्य सहित उदाहरण
जांच: अभी कोरोना की जांच होना बाकी है।
उम्र: मेरी उम्र लगातार बढ़ती ही जा रही है।
चमक: तुम्हारे चेहरे पर बहुत ज्यादा चमक आ
गई।
तबीयत: मुझे आपकी तबीयत 3 दिन से सुस्त लग रही है।
कसम: मैं आप
की कसम खाकर
कहता हूं।
कमर: आज मेरी कमर में बहुत ज्यादा दर्द है।
खबर: मुझे कल इस खबर का पता चला था।
लिंग
के कुछ मुख्य उदाहरण -
पुरुष जाति और स्त्री
जाति के आधार पर लिंग के कुछ मुख्य उदाहरण नीचे निम्नलिखित रुप से दिए गए हैं:
पुरुष जाति: लड़का, चूहा, बंदर, शेर, घोड़ा, हाथी, गधा, राम, सोहन, मोहन, राकेश, मोर, इत्यादि।
स्त्री जाति: लड़की, घोड़ी, बंदरिया, कुत्ती, मुर्गी, शेरनी, गाय, राधिका, मायावती, पूजा, मोरनी, पत्नी, नारी, बहन, इत्यादि।
लिंग परिवर्तन:
जब शब्दों को स्त्रीलिंग
से पुल्लिंग में और पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जाता है, मतलब ऐसे कह सकते हैं कि इस
प्रकार का बदलाव लेकर आने वाले शब्दों को लिंग परिवर्तन कहा जाता है।
लिंग परिवर्तन के कुछ
उदाहरण-
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
लड़का लड़की
आदमी औरत
पति पत्नी
सेठ सेठानी
अध्यापक अध्यापिका
नौकर नौकरानी
पुरुष महिला
अभिनेता अभिनेत्री
लेखक लेखिका
पुल्लिंग
की पहचान
सजीव वस्तुओं के लिंग की
पहचान करना आसान होता है, लेकिन
निर्जीव वस्तुओं का उनके व्यवहार और परंपरा के आधार पर स्त्रीलिंग या पुल्लिंग
माना जाता है।
इन सभी शब्दों का लिंग
जानने के लिए उन शब्दों के साथ वाक्यों में जो क्रिया हो रही है या उनमें आए
विशेषण शब्दों पर ध्यान दिया जाए तो लिंग की पहचान आसान हो जाती है।
प्राणिवाचक
संज्ञाओं के लिंग की पहचान
1). प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग
की पहचान उनकी शारीरिक संरचना से हो जाती है।
लडका, युव, वृद्ध, शेर, घोड़ा, गधा, सॉंड, बंदर
(इनकी शारीरिक संरचना से इनके पुल्लिंग होने का पता चलता है।)
चिडिया, गधी, गाय, स्त्री, लडकी, बूढी, बंदरिया, हथिनी, सर्पिर्णी, मछली (इनकी शारीरिक संरचना से इनके
स्त्रीलिंग होने का पता चलता है।)
2). सदा पुल्लिंग रहने
वाले शब्द- कुछ
संज्ञा शब्द सदा पुल्लिंग रहते है।
जैसे - खरगोश, खटमल, भेड़या, चीता, मच्छर, पक्षी, कौआ, गीदड, उल्लू, बगुला, ज़िराफ, गैंडा, मच्छर, लगूंर, आदि।
3). सदा स्त्रीलिंग रहने
वाले शब्द- कुछ संज्ञा शब्द सदा
स्त्रीलिंग रहते है।
जैसे - चमगादड, मक्खी, मैना, मछली, कोयल, गिलहरी, भेंड़, आदि।
4). पदनाम सदैव पुल्लिंग में
होते है- इंजीनियर, प्रोड्यूसर, फोटोग्राफ, रिपोर्टर, डाक्टर, प्रोफेसर, राजदूत, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कुलपति, राष्ट्रपति, सचिव सभापति आदि।
(चाहे उन पदों पर बैठा
व्यक्ति पुरूष हो या स्त्री। ये उभयलिंगीं हो गए है। इनके लिंग का विधान क्रिया के
द्वारा हो पाता है।)
अप्राणिवाचक
संज्ञाओं की लिंग की पहचान
अप्राणिवाचक संज्ञाओं की लिंग के विषय में
निश्चित नियम नहीं है। इनका प्रयोग परम्परा लिंग के अनुसार होता चला आ रहा है। वही
समान्य रूप है।
अप्राणिवाचक संज्ञा
शब्दों के परंपरानुसार कुछ नियम प्रचलित है। ये निम्नलिखित है।
सदा पुंलिग रहने वाले
शब्द
दिनों के नाम- सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
आदि।
महीनों के नाम- ज्येष्ठ, आषाढ, श्रावण, भादप्रद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीष, पौष, माघ, फाल्गुन, चैत, वैशाख आदि। (अपवाद- जनवरी, मई, जुलाई- स्त्रीलिंग)
समयसूचक- पल, पहर, क्षण, मिनट, सेकेंड, घंटा, दिन, महीना, वर्ष आदि।
फलों के नाम- केला, संतरा, तरबूज, जामुन, आम आदि।
(अपवाद- लीची, खजूर स्त्रीलिंग)
वृक्षों के नाम- पीपल, देवदार, चिनार, बरगद, अशोक, पलाश,अमरुद, आदि।
(अपवाद- इमली स्त्रीलिंग)
पर्वतों के नाम- हिमालय, विन्द्याचल, सतपुड़ा, आल्प्स, यूराल, कंचनजंगा, एवरेस्ट, फूजीयामा आदि।
देशों के नाम- मॉरीशस, मलेशिया, नेपाल, वियतनाम, भारत, चीन, इरान, अमेरिका
आदि।
नक्षत्रों, व ग्रहों के नाम- सूर्य, चन्द्र, राहू, शनि, आकाश, बृहस्पति, बुध
आदि।
(अपवाद- पृथ्वी
-स्त्रीलिंग)
रत्न और धातुओं के नाम- मुंगा, पुखराज, मोगध, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा, सोना, तांबा, पीतल, लोहा, आदि।
(अपवाद- चॉंदी-
स्त्रीलिंग)
समूहवाचक संज्ञा के नाम - मण्डल, समाज, दल, समूह, वर्ग आदि।
भारी और बेडौल वस्तुओं के
नाम - जूता, रस्सा, लोटा ,पहाड़
आदि।
अनाजों के नाम - गेहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि।
(अपवाद- मक्की, ज्वार, अरहर, मूँग -स्त्रीलिंग)
फूलों के नाम - गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब
आदि।
देशों और नगरों के नाम - दिल्ली, लन्दन, चीन, रूस, भारत आदि।
द्रव पदार्थो के नाम - शरबत, दही, दूध, पानी, तेल, कोयला, पेट्रोल, घी आदि।
(अपवाद- चाय, कॉफी, लस्सी, चटनी- स्त्रीलिंग)
द्वीप के नाम - अंडमान-निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू
फाउंडलैंड आदि।
सागर के नाम - हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अरब सागर आदि।
वर्णमाला के अक्षर - क्, ख्, ग्, घ्, त्, थ्, अ, आ, उ, ऊ आदि।
(अपवाद- इ, ई, ऋ- स्त्रीलिंग)
शरीर के अंग के नाम - हाथ, पैर, गला, अँगूठा, कान, सिर, मस्तक, मुँह, घुटना, ह्रदय, दाँत आदि।
(अपवाद- जीभ, आँख, नाक, उँगलियाँ -स्त्रीलिंग)
आकारान्त संज्ञायें - गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता
आदि।
‘दान, खाना, वाला’ आदि से
अंत होने वाले अधिकतर शब्द पुल्लिंग होते हैं; जैसे -
खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, दूधवाला आदि।
अरबी, फारसी के ‘खाना’ प्रत्यय (पीछे लगने वाले) शब्द पुल्लिंग
होते है । जैसे - दवाखाना, डाकखाना आदि।
अरबी, फारसी के दान प्रत्यय वाले
शब्द पुल्लिंग होते है । जैसे - फूलदान, कमलदान आदि।
आ, आव, पा, पन, न - ये प्रत्यय जिन शब्दों के अन्त मे हों वे प्रायः पुल्लिंग होते है।
यात्रा के साधनों में - ताँगा, स्कूटर, ट्रक, इंजन, हवाईजहाज, राकेट आदि पुल्लिंग है।
वस्त्रों के नाम - रुमाल, कुर्ता, पाजामा, कोट, पेटीकोट, सूट, हैट, कच्छा, घाघरा, मोजे, दुपट्टा, गाउन शब्द पुल्लिंग है।
अ, आ, आव, पा, पन, क, त्व, आवा तथा औड़ा
से अंत होने वाली संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं :
शब्द वाक्य
अ- खेल, रेल, बाग, हार, यंत्र आदि।
आ- लोटा, मोटा, गोटा, घोड़ा, हीरा आदि।
आव- पुलाव, दुराव, बहाव, फैलाव, झुकाव आदि।
पा- बुढ़ापा, मोटापा, पुजापा
आदि।
पन- लड़कपन, अपनापन, बचपन, सीधापन आदि।
क- लेखक, गायक, बालक, नायक आदि।
त्व- ममत्व, पुरुषत्व, स्त्रीत्व, मनुष्यत्व आदि।
आवा- भुलावा, छलावा, दिखावा, चढ़ावा
आदि।
औड़- पकौड़ा, हथौड़ा आदि।
मच्छर, गैंडा, कौआ, भालू, तोता, गीदड़, जिराफ, खरगोश, जेबरा आदि सदैव पुल्लिंग होते हैं।
सदा स्त्रीलिंग रहने वाले
शब्द - नदी, भाषा, लिपि, तिथि, बोली, बरतन, आदि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं; जैसे
बोलियों के नाम - अंगिका,राजस्थानी, मंडियाली, भोजपुरी, मगही, आदि।
भाषाओं के नाम - हिंदी, संस्कृत, मराठी, गुजराती, तमिल, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, आदि।
लिपियों के नाम - देवनागरी,अरबी, रोमन, गुरुमुखी आदि।
नदियों के नाम - सतलुज,रावी,व्यास, यमुना, गंगा, सरस्वती, गोदावरी, कावेरी
आदि।
तिथियों के नाम - पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या ,
नक्षत्र- के नाम - अश्विनी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा, भरणी, रोहिणी
आदि।चतुर्थी, प्रथमा आदि।आदि।
कुछ बरतनों के नाम - कटोरी, थाली, चम्मच, कलछी,कढाई प्लेट, छलनी आदि।
उकारान्त शब्द स्त्रीलिंग
होते है- जैसे- वायु, रेणु, रज्जु, जानु, मृत्यु, आयु, वस्तु, धातु इत्यादि।
अपवाद- मधु, अश्रु, तालु, मेरु, हेतु, सेतु इत्यादि।
इकारान्त संज्ञा शब्द भी
प्राय:स्त्रीलिंग होते है- जैसे-रीति,तिथि,हानि, निधि, विधि, रिधि, राशि, अग्नि, छवि, केलि, रूचि इत्यादि।
अंग्रेजी
के पुंलिंग शब्द -
अकारान्त- ऑर्डर, आयल, ऑपरेशन, इंजिन, इंजीनियर, इंजेक्शन, एडमिशन, एक्सप्रेस, एक्सरे, ओवरटाइम, क्लास, कमीशन, कोट, कोर्ट, कैलेण्डर, कॉंलेज, कैरेम, कॉलर, कॉलबेल, काउण्टर, कारपोरेशन, कार्बन, कण्टर, केस, क्लिनिक, क्लिप, कार्ड, क्रिकेट, गैस, गजट, ग्लास, चेन, चॉकलेट, चार्टर, टॉर्च, टायर, ट्यूब, टाउनहाल, टेलिफोन, टाइम, टाइमटेबुल, टी-कप, टेलिग्राम, ट्रैक्टर, टेण्डर, टैक्स, टूथपाउडर, टिकट, डिवीजन, डान्स, ड्राइंग-रूम, नोट, नम्बर, नेकलेस, थर्मस, पार्क, पोस्ट, पोस्टर, पेन, पासपोर्ट, पेटीकोट, पाउडर, पेंशन, प्रोमोशन, प्रोविडेण्ट
फण्ड, पेपर, प्रेस, प्लास्टर, प्लग, प्लेट, पार्सल, प्लैटफार्म, फुटपाथ, फुटबॉल, फार्म, फ्रॉक, फर्म, फैन, फ्रेम, फुलपैण्ट, फ्लोर, फैशन, बोर्ड, बैडमिण्टन, बॉर्डर, बाथरूम, बुशशर्ट, बॉक्स, बिल, बोनस, बजट, बॉण्ड, बोल्डर, ब्रश, ब्रेक, बैंक, बल्ब, बम, मैच, मेल, मीटर, मनिआर्डर, रोड, रॉकेट, रबर, रूल, राशन, रिवेट, रिकार्ड, रिबन, लैम्प, लेजर, लाइसेन्स, वाउचर, वार्ड, स्टोर, स्टेशनर, स्कूल, स्टोव, स्टेज, स्लीपर, स्टेल, स्विच, सिगनल, सैलून, हॉल, हॉंस्पिटल, हेयर, हैण्डिल, लाइट, लेक्चर, लेटर।
अंग्रेजी
के स्त्रीलिंग शब्द-
ईकारान्त-एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कॉपी, गैलरी, डायरी, डिग्री, टाई, ट्रेजेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपैलिटी, युनिवर्सिटी, पार्टी, लैबोरेटरी।
स्त्रीलिंग
और पुलिंग दोनों लिंगों का वाक्य में प्रयोग -
पुलिंग शब्द
वाक्य में प्रयोग स्त्रीलिंग
शब्द वाक्य में प्रयोग
प्राण (पु०)-
प्राण उड़ गए। मोती (स्त्री)- मोती चमकता है।
घी (पु०)-
घी उजला है। छत (स्त्री०)- छत गिर गई।
मूँछ (स्त्री०)- पिताजी की मूँछ पक रही है।
दाल (स्त्री०)- दाल अच्छी बनी है।
होश (पु०)-
उसके होश उड़ गए।
चादर (स्त्री)- चादर फट गई है।
पहिया (पु०)- बैलगाड़ी में दो पहिये होते है।
धूप (स्त्री /पु०)- धूप कड़ी
है।/यज्ञ में धूप जल रहा है।
बुढ़ापा (पु०)- देखते-देखते बुढ़ापा आ गया।
दीमक (स्त्री०)- किताबों
में दीमक लग गई है।
दर्शन (पु०)- आपके दर्शन हुए, अहोभाग्य।
जूँ (स्त्री०)-
मूर्ख के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगती।
कीचड़ (पु०)- गली
में कीचड़ फैल गया है।
खीर (स्त्री०)- खीर अच्छी बनी है।
हार (स्त्री० /पु०)- रावण की हार हो गई /रानी का
हार खो गया। आग (स्त्री०)-
आग धधक उठी है।
मोती (पु०)-
मोती चमकीला होता है। अफवाह (स्त्री०)- अफवाह फैल गई कि उसकी हत्या
कर दी गई है।
घूँट (पु०)-
मैं खून का घूँट पीकर रह गया।
अरहर (स्त्री०)- जनवरी
में अरहर फूलने लगती है।
लालच (पु०)- ज्यादा
लालच नहीं करना चाहिए। अफीम (स्त्री०)-
अफीम जहरीली होती है।
चरित्र (पु०)- चरित्र चला जाता है, तो सब कुछ चला जाता है।
अनबन (स्त्री०)- दोनों भाइयों में अनबन चल रही है।
नेत्र (पु०)-
मेरा नेत्र लाल है।
आँख (स्त्री०)- मेरी आँख में दर्द हो रहा है।
उल्लास (पु०)- हारने से
सारा उल्लास ही समाप्त हो गया। चोंच (स्त्री०)- इस पंक्षी की चोंच लंबी है।
चश्मा (पु०)- चश्मा हमारी आँखों की रक्षा करता है।
भीड़ (स्त्री०)- भीड़ एकत्र हो गई।
संदर्भ ग्रंथ :
- https://hindi.theindianwire.com/%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97-46195/
- https://www.mycoaching.in/2018/09/Ling-Gender-in-hindi.html
- https://thesimplehelp.com/ling-ki-paribhasha/