Sunday, September 14, 2025

कुदाली

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हिंदी के लिए गाली,

अंग्रेजी के लिए ताली 

अंग्रेजी वाला लूट रहा,

हर क्षेत्र की बहाली।


बाग़ का कसूर क्या,

जो किया सब माली 

'अ'नार को बीमार कर,

'A'प्पल से भर दी डाली।


सपने तो आते हैं,

हिंदी में सबको आली 

हुआ साकार उसी का 

जिसने व्याख्या अंग्रेजी में कर डाली।


भुट्टे तो भट्ठे पर तपते 

कहलाते रहे मवाली

जो अंग्रेजी में पट-पट बोला 

वो पॉपकॉर्न सी इज़्ज़त पा ली


इसमें कोई शर्म नहीं 

समय की मांग ही छोड़ दी कुदाली,

बदलाव के साथ चलना होगा 

नरकट की जगह फाउंटेन बना ली।


~बच्चा लाल 'उन्मेष'