जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
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खाटी डकइत भगवान हो गयल
लतमरुआ परधान हो गयल
हमरे गांव के भुच्चड़ गदहा
बिन पढ़ले कपतान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
आपन इज्जत अपने हाथे
बहुत मरायल लाते-लाते
घुन पिसाइल गेहूं के साथे
बजर छिनरा सिरिमान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
पूत जनमले लोलक लइया
धान पछोरे निकले पइया
रोवे बहिन अ बाबू मइया
लड़िका त बेईमान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
आगे नाथ न पीछे पगहा
खाय-मोटाय के भइल गदहा
कान के कच्चा मुंह के पदहा
चुगुलहवा दरबान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
चोर-चोर मौसेरा भाई
घर बेचिके खाय मलाई
बाप ओझा अ डाइन माई
लोकतंत्र त इहां जइसे
बिन मालिक दुकान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
पेट भयल बा बहुते भारी
खात-खात सब के हिसदारी
उलटे घुमि-घुमि देत बा गारी
आन्हर कानून बिधान हो गयल
जबसे राजा बनल भकचोन्हरा
कउआ से दीवान हो गयल।
--©राम बचन यादव
25/07/2023